भारत ने 24 दिसंबर को टास्क-फोर्स की पहली बैठक करते हुए सिन्धु जल समझौते के तहत अपने हिस्से के पानी के पूरे इस्तेमाल पर विचार किया था। लेकिन विश्व बैंक ने इस सप्ताह सिंधु जल समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान की तरफ से शुरू की गई अलग-अलग प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक से आग्रह किया है की वह सिंधु जल समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धता पूरी करे जिसमें कोई भी पक्ष अपने लिए निर्धारित काम को रोक नहीं सकता।
पाक वित्त मंत्री ने विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम को लिखा पत्र
- वर्ल्ड बैंक ने इस सप्ताह सिन्धु जल समझौते के तहत भारत-पाक की तरफ से शुरू की गई अलग-अलग प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
- जिसके बाद पाक वित्त मंत्री इसहाक डार ने शनिवार को विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम को पत्र लिखा था।
- इशार ने यह पत्र पंचाट न्यायाधिकरण के मनोनयन की प्रक्रिया पर रोक लगाने के विश्व बैंक के निर्णय पर लिखा था।
- पाक वित्त मंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि विश्व बैंक के निर्णय से पाकिस्तान के हितों और 1960 में किये गए सिंधु जल समझौता के तहत मिले उसके अधिकारों पर गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
- उन्होंने विश्व बैंक से अनुरोध किया कि नियुक्ति के लिए चयनित प्राधिकार के रूप ,
- वह सिंधु जल समझौते के तहत अपने दायित्वों को निभाए और पंचाट के अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द करे।
1960 में ये हुआ सिन्धु जल समझौता
- बता दें की पाकिस्तान के साथ सिन्धु जल समझौते पर 1960 में हस्ताक्षर किया गया था।
- जिसके तहत रावी, व्यास और सतलज नदी का पानी भारत के हिस्से में आया।
- जबकि सिंधु, झेलम और चेनाब का 80 फीसदी पानी पाकिस्तान के हिस्से में गया था।
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