केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा देश की कई सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया गया है। इनमें सबसे मुख्य उत्तर प्रदेश की गोरखपुर, फूलपुर लोकसभा है। इसके अलावा बिहार में भी अगले महीने 11 मार्च को अररिया लोकसभा और वहां की 2 विधानसभा सीटों भभुआ और जहानाबाद में उपचुनाव होने जा रहा है। इस बीच देश की बड़ी पार्टी ने इस उपचुनाव से दूरी बना ली है और ये चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है।
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बिहार में 11 मार्च को है उपचुनाव :
बिहार में अगले महीने 11 मार्च को अररिया लोकसभा और भभुआ, जहानाबाद विधानसभा पर उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया गया है। इसके लिए आरजेडी सहित सभी पार्टियां अपनी तैयारी कर रही हैं। इस बीच बिहार में सत्ताधारी दल जनता दल (यूनाइटेड) ने ऐलान किया है कि वह इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी। पिछले साल सितंबर में आरजेडी के सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद अररिया लोकसभा सीट खाली हो गई थी। इसके आलवा भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडे के निधन के बाद भभुआ और आरजेडी विधायक मुंद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद जहानाबाद विधानसभा सीट खाली हुई है। मगर इन उपचुनावों के पहले ही जेडीयू को बड़ा झटका लग गया है।
निलंबित विधायक ने छोड़ी पार्टी :
बिहार में जेडीयू के निलंबित विधायक सरफराज आलम ने पार्टी-विधानसभा से इस्तीफा दे कर आरजेडी ज्वाइन कर ली है। आलम ने ये कदम उठाकर अररिया लोकसभा उपचुनाव आरजेडी के टिकट पर लड़ने का संकेत दिया है। इस सीट पर उनके पिता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन काफी समय से जीतते आ रहे थे। आलम ने पद से इस्तीफा देने के बाद आरजेडी उपाध्यक्ष राबडी देवी से मुलाकात की और उसके बाद पार्टी कार्यालय में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी की उपस्थिति में सदस्यता ग्रहण की। यह पूरा घटनाक्रम दो विधानसभा सीटों और अररिया लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद आया है।