भारत में स्वतंत्रता के बाद से ही मूल-भूत चीज़ों के लिए देश वासियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है. जिसके तहत आज़ादी के 69 सालों बाद भी अभी तक देश के कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहाँ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अच्छी सुविधायें ना मिल पाने के कारण शिशुओं के जन्म के साथ ही उनकी मृत्यु हो जाती है. परंतु इसी बीच एक अच्छी खबर आ रही है जिसके तहत भारत के केरल राज्य में शिशु मृत्यु डर पहले की तुलना में घटा है जिसके बाद केरल की बराबरी अमेरिका से की जा रही है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट :
- भारत की तुलना इन दिनों अमेरिका व अन्य विकसित देशों से की जा रही है.
- दरअसल भारत के केरल राज्य में शिशु मृत्यु दर हर 1000 बच्चों की तुलना में घटकर 6 हो गयी है,
- जो अमेरिका व अन्य विकसित देशों के बराबर बतायी जा रही है.
- गौरतलब है कि जानकारी राष्ट्रीय परिवार स्वस्थ्य सर्वेक्षण द्वारा जारी की गयी वर्ष 2015-16 की एक रिपोर्ट में दी गयी है.
- साथ ही यदि पूरे भारत की बात की जाए तो यह दर प्रति 1000 पर 42 है, जो घटकर यदि 6 होती है यो हर साल 7 लाख नवजात शिशुओं को बचाया जा सकेगा.
- आपको बता दें कि केरल द्वारा इस दर को कम करने के लिए काफी लंबे समय से प्रयास किये जा रहे हैं.
- यही नहीं केरल देश का पहला ऐसा राज्य है जहाँ शिशु मृत्यु दर सबसे कम है.
- बता दें कि इस राज्य के बाद तमिलनाडु आता है जहाँ प्रति 1000 पर यह दर 21 है.