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तगड़ा रहो,तगड़ा हो एक अद्वितीय रेजिमेंट नारा है जो 1960 के दशक में अपनाया गया था.
उस समय के तत्कालीन कमांडिंग अधिकारी स्वर्गीय मेजर जनरल एस.सी बारबोरा अपने सैनिकों से
पूछा करते थे तगड़ा हो (आप फिट हो,मजबूत हो).जवानों का जोश भरा जवाब आता था.”तगड़ा है सर”
ऐसी ही बहुत सारी दिलचस्प परम्पराएं जुड़ी हुई है इस उच्च कोटीय असम रेजिमेंट के साथ.
अगले पेज पर देखें वीडियो:
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असम रेजिमेंट मार्च-बदलु राम का बदन
- इससे भी दिलचस्प कहानी है “लेजेंड ऑफ़ बदलुराम‘” के रेजिमेंटल गीत की.
- यह गाना कितना दिलचस्प और जोश पैदा करता है.ये आप खुद महसूस कर सकते हैं.
- बदलु राम का बदन ज़मीन के नीचे हैं ……और हमको उसका राशन मिलता है.
- बदलु राम का शव दफन है लेकिन हम उसका राशन आकर्षित करते हैं.
- यह रेजिमेंटल गीत एक सच्ची घटना पर आधारित है.
- एक सैनिक जो जापान के द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हो गया था.
- उसी जवान ने अपने रेजिमेंट के क्वार्टर मास्टर पर ये गाना बनाया था.
- क्वार्टर मास्टर का व्यक्तित्व आकर्षण का केंद्र था .
क्या है कहानी ?
- एक युद्ध के दौरान जब असम रेजिमेंट जापानी सेना से घिर गयी थी.
- रेजिमेंट में अकास्मिक भुखमरी जैसे हालात पैदा हो गए थे .कई सैनिक अपनी जान गवां देते.
- अगर क्वार्टर मास्टर बदलु राम द्वारा जमा किया गया राशन मौजूद ना होता.
- उस समय से आज तक बदलु राम का बदन असम रेजिमेंट का पारंपरिक गीत बन गया है.
- रेजिमेंट की हर पासिंग आउट परेड में ,कसम परेड गीत युवा रंगरूटों के अंदर गर्मजोशी पैदा करता है.
- बदलु राम का बदन बेहद प्रेरक और मनोरंजन भरा गाना है.
- जिसे सुनकर हर इंसान का मानोबल बढ़ता है .
आनंद और गर्व में शुमार ये गीत बेहद आकर्षित करता है
- यह गाना पासिंग आउट परेड में अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करने का बेहद अद्भुत माध्यम है.
- राइनो रेजिमेंट के नाम से मशहूर असम रेजिमेंट का ये गाना सबके रोंगटे खड़े कर देता है.
- जवानों की कदमताल,तालियाँ और जोश देखने वाला होता है.
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