भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाए तीन साल पूरे हो चुके हैं ऐसे में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपने भाव सामने रखे हैं. इस दौरान उन्होंने प्रेस कार्यकर्ताओं के सवालों के जवाब भी दिए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि इन तीन सालों में करीब 80,000 लोगों को बचाया गया है.
अमेरिका और H-1B वीसा से जुड़े उठाये गए सवाल :
- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर एक प्रेस कांफ्रेंस की है.
- इस दौरान उन्होंने सरकार के तीन साल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला है.
- उन्होंने भारत के खाड़ी देशों से संबंध पर भी प्रकाश डालते हुए सभी को भारत का अच्छा दोस्त बताया.
- इस दौरान प्रेस द्वारा उनसे अमेरिका और H-1B वीज़ा का भी मुद्दा उठाया गया.
- जिसके बाद उन्होंने इसपर जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका से ट्रम्प प्रशासन के बाद भी संबंध बने हुए हैं.
- साथ ही इन संबंधों में किसी तरह के कोई बदलाव नहीं किये गए हैं.
- इस दौरान उन्होंने ट्रम्प द्वारा भारत पर पेरिस डील को लेकर साधे गए निशाने वाली बात का जवाब दिया.
- साथ ही ट्रम्प द्वारा भारत पर पैसे की बात को नकारते हुए इस डील पर हस्ताक्षर का मुख्य कारण पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को बताया.
- बता दें कि इस दौरान उन्होंने चीन के हेलीकॉप्टर के भारत में उड़ने की बात पर जवाब दिया है.
- जिसपर उन्होंने कहा है कि अभी दोनों देशों की सीमाएं से जुड़ी सेटलमेंट की प्रक्रिया जारी है.
- यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सीमा का अंदाजा नहीं हो पाने के चलते यह हेलीकॉप्टर उड़ता रहा.
पाकिस्तान के साथ हुई नीति पर्व डाला प्रकाश :
- इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के साथ नीति पर भी प्रकाश डाला है.
- जिसके तहत उन्होंने तीन बातों पर गौर करवाया है.
- पहला कि पाकिस्तान के साथ भारत बातचीत से मसले सुलझाना चाहता है.
- दूसरा इस बातचीत में वे किसी भी अन्य देश की मध्यस्थता नहीं चाहता है.
- तीसरा आतंक और बातचीत सात-साथ नहीं हो सकती है.
- इस दौरान उन्होंने कुलभूषण जाधव के मामले पर भी जवाब दिए.
- सुषमा ने इस दौरान अंतराष्ट्रीय न्यायालय की प्रक्रिया को समझाया.
80,000 भारतियों को बचाने के मुद्दे पर भी सुषमा ने दिया जवाब :
- इस प्रेस कांफ्रेंस में सुषमा स्वराज द्वारा सऊदी अरब में फंसे भारतियों के सवाल का भी जवाब दिया है.
- साथ ही कहा है कि भारत ने इन सभी भारतियों को बचाने में एक भी रुपया खर्च नहीं किया है.
- परंतु यह एक मानवीय संवेदना का मामला है जिसे पैसे से नहीं तोला जाना चाहिए.
- ऐसा इसलिए क्योकि वे भी हम जैसे भारतीय हैं जिन्होंने सरकार पर विश्वास है.
- जिस कारण वे हमसे मदद की आशा रखते हैं और यदि ऐसा करने में सरकार से पैसा लेकर भी उन्हें बचाना पड़े.
- तो सरकार व विदेश मंत्रालय इस तरह के कदम उठाने में नहीं चूकेगा.
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