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प्रधानमंत्री मोदी का विदेश दौरा: 5 देश और 5 सफलताएं

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प्रधानमंत्री नरेंद मोदी पांच देशों की यात्रा अफगानिस्तान से शुरू होकर मैक्सिको में समाप्त हुई। पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर बीजेपी नेताओं ने जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने पांच देशों के तूफानी दौरे में सबको अपना मुरीद बना दिया जिसमें अमेरिकी संसद में दिया गया ऐतिहासिक भाषण भी है जब अमेरिकी सांसद बार-बार खड़े होकर तालियां बजाते रहे और मोदी की प्रसंसा करते रहे।

स्वागत समारोह में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष का सम्मान करना एक परंपरा माना जाता है लेकिन मोदी को हर जगह जो सम्मान मिलता है उसे बीजेपी अपनी जीत के रूप में देखती है। सवाल ये है कि मोदी की विदेश यात्राओं से भारत को कुछ हासिल हो रहा है या नहीं। अर्थात पीएम मोदी की अन्य देशों को भारत के करीब लाने और उनके साथ व्यापार बढ़ाने की रणनीति कितनी कारगर हो रही है। पांच देशों के इन दौरे पर एक नजर डालते हैं और देखते हैं कि इन दौरों से भारत को क्या और कहाँ से मिला या भविष्य में मिलने की उम्मीद है।

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[nextpage title=”मोदी की विदेश यात्रा- अफगानिस्तान ” ]

  1. अफगानिस्तान

विदेश दौरे की शुरुआत पीएम मोदी ने अफगानिस्तान से की जहाँ सलमा डेम का उन्होंने उद्घाटन किया। अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत हेरात में अफगान भारत फ्रेंडशिप डैम का निर्माण एक दशक से अधिक समय से जारी था और निर्माण के लिए भारत की ओर से 30 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की गई। भारत अब तक अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण परियोजनाओं और सहायता के लिए 1 अरब डॉलर से अधिक लगा चुका है।

salma dam

अफगानिस्तान के हेरात शहर में बनाये गए इस डेम से 42 मेगा वाट बिजली का उत्पादन होगा वही अफगानिस्तान के कई इलाको में इस डेम से पानी की सप्लाई की जायेगी।

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2. क़तर

इस तेल संपन्न देश की अपनी यात्रा के दूसरे दिन मोदी ने कतर के प्रमुख उद्योपतियों के साथ लगभग एक घंटे बंद कक्ष में बैठक की। मोदी ने भारत में व्यापार सुगमता बढाने के लिए अपनी सरकार द्वारा बीते दो साल में किए गए काम के बारे में बताया। सूत्रों ने कहा कि कतर के व्यापारिक समुदाय ने नियमों व मंजूरियों के बारे में कुछ सवाल किए।

इस मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने अनेक क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को सरल बनाने के लिए नियम व कायदों में बदलाव किए हैं। खाड़ी देश के पास प्राकृतिक संसाधनों का बड़ा जखीरा है। भारत में अधिकांश सीएनजी कतर से आयात की जाती है। क़तर भारत की गैस की 65 फीसदी जरूरते पूरी करता है इसलिए क़तर के साथ भारत के संबंधो में मजबूती अच्छा संकेत है। इस दौरान मोदी के दौरे के बाद्र क़तर ने 23 भारतीय कैदियों को रिहा किया। क़तर में रहने वाले भारतीयों से मुलाकात के दौरान मोदी ने कहा था कि उनकी हर तकलीफ को कतर सरकार के सामने रखेंगे। इन कैदियों का छोड़ा जाना मोदी की पहल का नतीजा माना जा रहा है।

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[nextpage title=”मोदी की विदेश यात्रा-स्विट्जरलैंड ” ]

3. स्विट्जरलैंड

पीएम नरेंद्र मोदी अपने पांच देशों के दौरे के दौरान स्विट्ज़रलैंड पहुंचे। जेनेवा में मोदी ने राष्ट्रपति जोहान श्नीडर अम्मान से मुलाकात की। साथ ही स्विट्जरलैंड में भारतीयों के कालाधन का पता लगाने के लिए उनसे सहयोग मांगा. स्विटजरलैंड ने NSG और MTCR में भारत का समर्थन किया। स्विस राष्ट्राध्यक्ष ने कहा कि हम भारत के एनएसजी देशों के सदस्य बनने की पहल का समर्थन करते हैं।

 

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[nextpage title=”मोदी की विदेश यात्रा-अमेरिका” ]

4. अमेरिका

अमरीका दौरे पर भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगी और अमेरिका के समर्थन से मिसाइल टेक्नॉलॉजी को नियंत्रण करने वाली संस्था एमटीसीआर की सदस्यता का रास्ता भारत के लिए साफ हो गया है। इसके साथ ही न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी एनएसजी में भारत की एंट्री को अमेरिका का समर्थन मिला है। भारत की कूटनीतिक सफलता के रूप में इसे अहम माना जा रहा है और भारत अब 35वें सदस्य देश के रूप में एमटीसीआर में शामिल होगा, जिसके बाद एनएसजी की सदस्यता के प्राप्त करने के और करीब आ गया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अब भारत के एमटीसीआर में शामिल होने की औपचारिक घोषणा ही शेष है।

इससे पहले अमरीका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिरकत वाले एक समारोह के दौरान भारत को 200 से ज्यादा सांस्कृतिक कलाकृतियां लौटा दीं। इन कलाकृतियों की कीमत लगभग 10 करोड़ डॉलर तक हो सकती है। जो मूर्तियां अमेरिका ने भारत को लौटाईं हैं उनमें 12वीं सदी की खजुराहो के काल की लाल पत्थर की मूर्ति, बाहुबली की तांबे से निर्मित एक मूर्ति इसके साथ ही गणेश और पार्वती की मूर्तियां भी शामिल हैं। 

प्रधानमंत्री ने इसपर अपनी ख़ुशी व्यक्त की और कहा कि कुछ लोगों के लिए इन कलाकृतियों की कीमत मुद्रा के रूप में हो सकती है लेकिन हमारे लिए यह इससे कहीं ज्यादा है। यह हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है और हमें इसपर गर्व है।

इस दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी संसद को संबोधित किया और उनके इस भाषण को ऐतिहासिक करार देते हुये अनेक राष्ट्राध्यक्षों ने मोदी की तारीफ किया। भाषण के दौरान अमेरिकी सांसद खड़े होकर मोदी के भाषण पर तालियाँ बजाते रहे।

इसे पहले सिंगापुर ने भी भारत को 11वीं सदी की तांबे की मूर्ति और ऑस्ट्रेलिया ने 900 साल पुरानी नटराज की मूर्ति भारत को लौटाई ।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने भी साल 2015 में भारत को 10वीं सदी की दुर्गा की मूर्ति लौटाई थी। 

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[nextpage title=”मोदी की विदेश यात्रा- मैक्सको “]

5. मैक्सिको

विदेश यात्रा के अंतिम पड़ाव पर पीएम मोदी मैक्सिको पहुंचे जहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो पीएम नरेंद्र मोदी को प्रोटोकॉल तोड़कर खुद अपनी कार ड्राइव करते हुए एक रेस्तरां में डिनर पर ले गए। क्विंटोनिल नाम के रेस्तरां में पीएम मोदी ने डिनर पर खास मैक्सिकन वैजीटेरियन खाने का लुत्फ उठाया।

मैक्सिको ने एनएसजी पर भारत का समर्थन किया और पीएम ने इसके लिए आभार व्यक्त किया। स्विट्ज़रलैंड और अमरीका के बाद मैक्सिको तीसरा देश है जिसने भारत का समर्थन किया।

इसके अलावा सूचना तकनीकी, ऑटो उद्योग, अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीकी, कृषि अनुसंधान, बायोटेक्नोलॉजी, कचरा तथा आपदा प्रबंधन, और सौर उर्जा जैसे मुद्दों पर सहमति और कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।

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