अपने 28 वर्षीय बेटे को खोने के बाद एक पिता ने नशे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नशा भजाओ, पुत्त बचाओ का अभियान चलाने वाले इस व्यक्ति ने पंजाब को नशा-मुक्त करने का ज़िम्मा उठाया है।
नशे ने ली थी बेटे की जान :
- आपको बता दें कि इस व्यक्ति का नाम मुख्त्यार सिंह है और ये पंजाब के निवासी हैं।
- 26 मार्च 2016 को इनके एकलौते बेटे की नशे की लत के कारण मौत हो गयी थी।
- वे बताते हैं कि उनके बेटे मंजीत ने बेरोज़गारी के चलते नशे को गले लगाया था।
- मुख्त्यार को अपने बेटे की मौत का गहरा सदमा लगा था जिसके कारण वह कई रातें सो नहीं पाए थे।
- जैसा उनके साथ हुआ वैसा और किसी के साथ ना हो इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
- आज मुख्त्यार पूरे पंजाब से नशे की लत को खदेड़ने में एक एहम भूमिका निभा रहे हैं।
- उनके द्वारा कई अभियान चलाये गए हैं जिनमे नशा भजाओ, पुत्त बचाओ मुख्य है।
- आपको बता दें मुख्त्यार पंजाब पॉवर में सहायक लाइनमैन के पद पर कार्यरत हैं।
- सरकारी नौकर होने के बवाजूब भी वे कभी सरकार को दोषी ठहराने से पीछे नहीं हटे हैं।
- उनके अनुसार सरकार की लापरवाही के चलते ही आज पंजाब की यह दुर्दशा है।
- वे बताते हैं कि सरकार लोगों पर सच को सामने ना लाने का दवाब बनाती है।
- हालांकि अपनी जान पर खतरा होने के बाद भी वे कभी पीछे ना हटने का प्रण ले चुके हैं।
- वे बताते हैं कि वे मरते दम तक नशे के खिलाफ इसी तरह लड़ते रहेंगे।
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