संसद के बजट सत्र में आंध प्रदेश को विशेष दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर पहले ही वाईएसआर कांग्रेस ने देश की सत्ताधारी मोदी सरकार के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव नोटिस जारी किया है. जिसके साथ ही टीडीपी और कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दे चुकी हैं.
अब तक चार पार्टी दे चुकी अविश्वास पत्र:
सोमवार को आरएसपी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस लोकसभा महासचिव को भेज दिया है. लोकसभा में सीपीएम संसदीय दल के नेता पी करुणाकरन की ओर से लोकसभा महासचिव को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है.
पार्टी के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने बताया कि उनके दल ने 4 प्रमुख मुद्दों के हवाले से केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के प्रति अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
गौरतलब है कि टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस बीते 2 हफ्ते से लगातार अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस लोकसभा में दे रही हैं लेकिन सदन ऑर्डर में न होने की वजह से एक भी बार प्रस्ताव को सदन में नहीं रखा जा सका है. टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस का आरोप है कि टीआरएस मोदी सरकार को बचाने के लिए सदन में हंगामा कर रही है ताकि प्रस्ताव को रखा नहीं जा सके.
बहरहाल, तेलंगाना में आरक्षण सीमा को बढ़ाए जाने की मांग पर अड़ी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने पार्टी की संसदीय दल की बैठक में फैसला लिया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव के लोकसभा में रखे जाने के दौरान सदन में हंगामा नहीं करेगी. अभी तक सदन में आये प्रस्तावों की गिनती के दौरान टीआरएस और एआईएडीएमके के सांसद वेल में आकर हंगामा करने लगते थे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी मोदी सरकार पर लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को तलने का आरोप लगाया है. राहुल ने कहा, “मोदी सरकार 10 दिनों से अविश्वास प्रस्ताव को टाल रही है, क्योंकि वह भयभीत है.”
चार पार्टियों के अविश्वास प्रस्ताव नोटिस जारी करने के बाद कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है. पार्टी ने सभी सांसदों से कहा है कि वह आज सदन में मौजूद रहें. आज शायद लोकसभा में नेता कांग्रेस मल्लिकार्जुन खड़गे अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे.
वैसे अमित शाह पहले ही दावा कर चुके है कि उनकी सरकार किसी भी प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है और उनके पास बहुमत है। उधर, वाईएसआर कांग्रेस ने कहा है कि आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा प्रदान करने के मसले पर कोई घोषणा हुए बगैर अगर संसद का सत्रावसान किया जाएगा तो 5 अप्रैल को सत्र खत्म होने पर उनके सभी सांसद इस्तीफा दे देंगे। एक सांसद ने बताया कि यह फैसला वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगमोहन रेड्डी के साथ पार्टी सांसदों की एक बैठक में लिया गया है.