प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर राज्यों में आई बाढ़ से हुई क्षति को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने बार-बार आने वाली बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए एक कार्य योजना बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी दी है। ये बातें मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कही है।
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योजना बनाने हेतु 100 करोड़ रुपये की मंजूरी :
- मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शनिवार को बड़ी बातें कही।
- सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर राज्यों में आई बाढ़ से हुई क्षति को लेकर चिंतित हैं।
- कहा कि प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में आई बाढ़ के कारणों को जानने और पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्य योजना बनाने हेतु 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
- पूर्वोत्तर राज्यों ने पिछले कुछ माह में भीषण बाढ़ और भूस्खलन का सामना किया है।
- धान की खेती एवं अन्य संपत्तियों के नुकसान के अलावा बाढ़ के कारण अप्रैल से अब तक कम से कम 100 लोगों की मौत हो चुकी है।
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2022 तक सभी परिवारों को पक्के घर देने की योजना :
- बिरेन ने दावा किया कि केंद्र सरकार की 2022 तक सभी परिवारों को पक्के घर देने की योजना है।
- इससे पेड़ों की कटाई में काफी कमी आएगी।
- उन्होंने कहा कि मुफ्त में रसोई गैस उपलब्ध कराने से भी पर्यावरण का संरक्षण करने में मदद मिलेगी।
- आगे कहा कि पहाड़ों में पेड़ों की कटाई कम होने से मृदा और भूस्खलनों में कमी आएगी।
- पूर्वोत्तर राज्यों में 280 जातीय समुदाय हैं।
- अधिकांश परिवार खाना पकाने के लिए लकड़ी और सर्दियों में कमरे को गर्म रखने के लिए कोयले पर निर्भर हैं।
- वे घरों और पुलों के निर्माण के लिए भी लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं।
- आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाढ़ की वजह से राज्य में संपत्ति और जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
- लेकिन इसके बावजूद भी राज्य को अभी तक केंद्र से जरूरी सहायता नहीं मिली है।
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