प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पिछले दिन ही अगले वित्तीय वर्ष से जीएसटी लागू करने को मंजूरी दी है। जीएसटी को जल्द लागू कराने की दिशा में टैक्स विभाग की कोशिश भी शुरू हो गयी है। मगर ट्रेड टैक्स विभाग की पैन कार्ड वेरीफिकेशन में इस कोशिश को बीते दिन तगड़ा झटका लगा है।
भारी मात्र में पैन कार्ड मिले फर्जी :
- केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख एक हजार दो सौ सत्ताइस पैनकार्ड फर्जी पाए गए हैं।
- सरकार ने इन पर लीगल एक्शन की तैयारी भीशुरू कर दी है।
- ऐसे व्यापारी जिनके पैन स्ट्रक्चरी इनवैलिड पाए गए हैं, उनकी ई- सर्विसेज सरकार ने रोक दी हैं।
- शासन द्वारा आदेश था कि जीएसटी लागू होने से पहले पैन अपडेट होना जरूरी है।
- पैन वेरीफिकेशन प्रक्रिया के दौरान 10,12,27 पैन स्ट्रक्चरी अवैध पाए गए हैं।
- आपको बता दें कि जीएसटी पर माइग्रेट करने से पहले पैन का तीन स्तरों पर सत्यापन होना है।
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- पहले पैन स्ट्रक्चरी वैलिड हो और फर्म के कंस्टीट्यूशन और उपलब्ध पैन के कंस्टीट्यूशन का समान होना चाहिए।
- इसके बाद एनएसडीएल तथा ट्रेड टैक्स विभाग के बिजनेस नेम को समान होना चाहिए।
- शासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि जिन व्यापारियों के पैन इनवैलिड हैं, उनकी ई सर्विसेज तुरंत रोक दी जाएं।
- अब व्यापारी द्वारा पैन अपडेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद संबंधित अधिकारी द्वारा ही उपलब्ध हो जाएंगे।
- जीएसटी व्यवस्था के लिए पैन सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बचे व्यापारियों को नोटिस भेजी जाएंगी।
- यदि व्यापारी द्वारा 31 अक्टूबर तक पैन अपडेशन की कार्रवाई पूरी नहीं होती है तो टिन निरस्तीकरण शुरू हो जाएगा।
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