संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ जैसे रिलीज़ डेट के करीb पहुँच रही है, वैसे-वैसे इस फिल्म को को लेकर विवाद और भी ज्यादा बढ़ता चला जा रहा है. बता दें कि ये फिल्म इससे पहले भी विवादों में चलने लगी थी. फिल्म कि शूटिंग के वक्त से ही विवाद और विरोध प्रदर्शन जारी है. इसका जमकर विरोध करने वाली करणी सेना के सदस्यों ने भी संजय लीला भंसाली को थप्पड़ भी जड़ दिए थे और 1 दिसम्बर को रिलीज होने वाली ये फिल्म विरोध के चलते रिलीज नहीं हो पाई थी.
वहीँ सुप्रीम कोर्ट के फिल्म ‘पद्मावत’ पर लगे बैन को हटाने के फैसले के बाद मध्यप्रदेश और राजस्थान ने कोर्ट में पुर्नविचार याचिका डाली थी. इसके बाद पद्मावत के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली करणी सेना को फिल्म देखने के लिए न्योता भेजा गया था, लेकिन आमंत्रण स्वीकार करने वाले करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह कालवी अब अपने बयान से पलट गए हैं.
बयान से पलते करणी सेना के नेता:
आपको बता दें कि फिल्म पद्मावत देखने का आमंत्रण स्वीकार करने वाले करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह कालवी काल्वी को फिल्म देखने के लिए न्योता मिला था. वहीँ वह इस फिल्म को देखने के लिए भी जाने वाले थे, लेकिन अब वह अपने बयान से पलट गए है. ]
उन्होंने कहा कि ”चार दिन पहले फिल्म देखने के लिए एक पत्र आया था और ये पत्र साजिश के तहत भेजा गया था ताकि भंसाली ये साबित कर सके कि वो हमें फिल्म दिखाना चाहते हैं और हम ही नहीं देखने को राजी हो रहे. न तो फिल्म मैं देखता हूं और न ही करणी सेना देखती है. हम फिल्म उनको दिखाएंगे जिनको सेंसर बोर्ड ने चयनित किया है. भंसाली को 9 लोगों का नाम दिया गया था. लेकिन उसने केवल 3 लोगों को ही फिल्म दिखाई। हम इस प्रकार का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
विवादों में घिरी थी पद्मावती:
आपको बता दें कि फिल्म पद्मवती (पद्मावती पर सेंसर बोर्ड फैसला) को लेकर विवाद ऐसा बढ़ा कि फिल्म के ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद से ही ये विवाद और गहरा गया था. करनी सेना ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और ये प्रदर्शन आज भी चल रहा था. वहीँ इस बीच फिल्म से जुड़े कलाकारों ने भी कहा कि फिल्म रिलीज़ होनी चाहिए. फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने जोरदार विरोध किया और जगह जगह जमकर हंगामा होने लगा. बता दें कि 1 दिसम्बर को रिलीज़ होने वाली ये फिल्म विरोध के चलते रिलीस नहीं हो पाई थी.
नए नाम के साथ रिलीज हो रही ‘पद्मावती’:
आपको बता दें कि दीपिका, रणवीर और शाहिद की फिल्म 1 दिसंबर से झंझट में फंसी थी, लेकिन अब इस फिल्म की रिलीज को लेकर रस्ते साफ़ हो गए हैं. गुजरात चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही फिल्म पद्मावती के रिलीज के रस्ते साफ़ हो गए थे. बता दें कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को ‘यूए’ सर्टिफिकेट के साथ रिलीज करने की अनुमति अब दे दी है. खबरों के मुताबिक इस फिल्म को सेंसर बोर्ड की ओर से गठित रिव्यू कमेटी को दिखाने के बाद ये फैसला लिया गया है.
अभिषेक सोम पर हुआ था मुकदमा दर्ज:
संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर कलम करने पर इनाम की घोषणा करने वाले अभिषेक सोम पर मुकदमा दर्ज हुआ था. सोम ने संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर कलम करने वाले को 5 करोड़ का इनाम देने की थी घोषणा.
अभिषेक सोम क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखते हैं. अभिषेक के खिलाफ थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज हुआ था. क्षत्रिय समाज के लोग इस फ़िल्म में रानी पद्मावती के चित्रण को गलत तरीके से दर्शाये जाने का आरोप लगा हैं. क्षत्रिय समाज के लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इस फ़िल्म पर सरकार रोक लगाये.
इसी कड़ी में क्षत्रिय समाज के ठाकुर अभिषेक सोम ने विवादित बयान देते. हुए फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली की गर्दन काटने वाले को क्षत्रिय समाज की ओर से 5 करोड़ रूपये की धनराशि देने का ऐलान किया था. इसी के चलते इन पर मुकदमा दर्ज हुआ था.