इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के जरिये लीक हुए लॉ फर्म मोसेक फोंसेका के दस्तावेज में कर चोरी के लिए विदेशी फर्मों और खातों में धन लगाने वाले भारत के 500 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आने के बाद इस मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर विशेष मल्टी एजेंसी ग्रुप का गठन किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस विशेष मल्टी एजेंसी ग्रुप में सीबीडीटी, एफआईयू और एफटीएंडटीआर के अधिकारी शामिल हैं।
- पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका विदेशियों को पनामा में शेल कंपनीज बनाने में मदद करती है, जिसके जरिये वे अपनी वित्तीय संपत्ति को अपना नाम या पता बताए बिना खरीदते हैं।
- मोसेक फोसेंका के जो दस्तावेज़ लीक हुए हैं, उनमे भारत के करीब 500 लोगों के नाम हैं, जिनमें बच्चन परिवार के साथ, अडानी समूह का भी नाम शामिल है।
- जो पेपर सार्वजनिक किए गए हैं, उनकी मात्रा 2.6 टेराबाइट है। ऐसे में बड़े पैमाने पर लोगों के नाम सामने आने बाकी हैं।
- इसमें कई नेताओं जैसे कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद, पाकिस्तान की पूर्व पाक पीएम बेनजीर भुट्टो और वर्तमान पीएम नवाज शरीफ के नाम भी शामिल हैं।
कोई भी निश्चित तौर पर यह नहीं कह सकता है कि कितनी पूंजी विदेशों में जमा है। जिन भी लोगों के नाम लीक हुए हैं, उनमे से ज्यादातर लोगों ने किसी भी तरह की कर चोरी से इनकार किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए विदेशों से भी जानकारी माँगी जायेगी।