ससंद के मानसून सत्र में गुरुवार का दिन भी हंगामे के साथ शुरू हुआ। जैसे ही राज्यसभा में कार्यवाही की शुरुआत हुई वैसे ही विरोधी दल के नेताओं ने दलित अत्याचार का मुद्दा उठाकर सदन में हंगामा करना शुरू हो गया। राज्यसभा की तरह लोकसभा की शुरुआत भी शोरगुल के साथ हुई। विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्रवाई को चौथी बार 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले राज्यसभा में भी दलितों के मुद्दे पर हंगामे के बाद कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। ऊपरी सदन में इसके साथ ही आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर भी विरोध दर्ज किया। सपा और तृणमूल ने आधार को अनिवार्य नहीं बनाने की मांग की। जिसके बाद कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भी उनका समर्थन किया।
दोपहर 12 बजे के बाद कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्ष सरकारी लाभ और योजनाओं में आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर हमलावर हो गया। हंगामा हुआ तो सदन की कार्यवाही दोबारा 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आपको बताते चले कि तृणमूल, समाजवादी पार्टी और बीजेडी ने राज्यसभा में रूल 267 के तहत नोटिस देकर सभी काम सस्पेंड करने और आधार कार्ड के बिना लोगों को जरूरी फायदे न दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए अपील की है। कांग्रेस नेता ए.के. एंटनी ने कार्यकर्ताओं और सांसदों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि पार्टी लाइन से इतर किसी तरह के बयान जारी न करें। अगर कोई नेता ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई हो सकती है।