देश के उत्तराखंड राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने बीती रात उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की थी। गौरतलब है की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के 9 बागी विधायकों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग टेप बनाया जिसमें वो बागी विधायकों को पैसों की पेशकश देते पाए गए।
क्यों हो गए विधायक बागी:
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बागी विधायक मुख्यमंत्री हरीश रावत के कामकाज से नाराज थे।
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बागी विधायकों का आरोप था कि सरकार में बड़े पैमाने पर करप्शन हो रहा है और राज्य बर्बादी की ओर जा रहा है।
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गौरतलब है कि, सूत्रों का मानना है कि बगावत के पीछे विजय बहुगुणा का रोल अहम है।
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बहुगुणा रावत को सीएम बनाने को लेकर कई बार खुलकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं।
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वे पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी की मांग करते आ रहे थे। हरीश रावत खेमा उन्हें जिम्मेदारी देने के विरोध में था।
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फाइनेंस बिल के डिवीजन पर सरकार हार गयी।
जयपुर में थे बागी विधायक:
उत्तराखण्ड के कांग्रेस राज के जो 9 विधायक बागी हुए थे, वो इतने दिनों से जयपुर में थे। वहीँ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इससे पहले बीजेपी पर धमकी देने और हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था। स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल से मुलाकात कर दल-बदल कानून के तहत 9 बागी विधायकों को बर्खास्त करने की मांग की थी। कुंजवाल ने इन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। जवाब देने की मियाद शनिवार को खत्म हो गई थी।