प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के पहले चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की। पीएम ने विपक्ष के जोर हंगामे के बीच लोकसभा में बोलना शूरू किया। विपक्ष का कहना था कि उसे अपनी बात कहने नहीं दिया जा रहा है और उसकी आवाज को दबाया जा रहा है। विपक्षी नेता भाषणबाजी नहीं चलेगी, जुमलेबाजी बंद करो के नारे लगा रहे थे। प्रधानमंत्री ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच मशहूर शायर डॉ. बशीर बद्र के दो शेरों को पढ़ा। पीएम ने कहा, ‘दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों’। पीएम मोदी के भाषण के बाद संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने उनसे 3 सवाल पूछते हुए केंद्र सरकार पर हमला किया.
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राहुल ने पूछे 3 सवाल :
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी के भाषण के बाद मीडिया से बात करते हुए 3 सवाल किए हैं. राहुल ने कहा कि कहा कि पीएम को याद होना चाहिए कि वो देश के प्रधानमंत्री हैं, विपक्ष के नेता नहीं. राहुल गांधी ने इस दौरान पीएम मोदी से 3 सवाल पूछे. राहुल गांधी ने पीएम मोदी से 3 सवाल करते हुए कहा कि राफेल डील पर कॉन्ट्रेक्ट बदला गया या नहीं ? राफेल हवाई जहाजों के लिए कितना पैसा दिया गया, पैसा कम या ज्यादा किया गया या नहीं ? तय दाम पर खरीद के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट से मंजूरी ली गई या नहीं ?
राहुल गांधी ने कहा कि राफेल डील पर रक्षा मंत्री कह रही हैं कि ये डील फ्रांस-पेरिस में हुई और इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती है. रफेल डील सेना की रीढ़ की हड्डी बताई जा रही थी और इसके बारे में देश को नहीं बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार करने वालों के ऊपर मौन साध कर किन्हें बचने की कोशिश कर रहे हैं.
उठाया किसानों का मुद्दा :
संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने से जुड़ी कोई बात पीएम मोदी ने नहीं कही. पूरे भाषण में वे मधुमक्खी और बांस की बात करते रहे और किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलाने पर कुछ भी नहीं कहा. देश में 24 घंटे में 450 युवाओं को रोजगार मिल रहा है तो सरकार के रोजगार के 1 करोड़ के आंकड़े किस मायने में सही हैं.
देश में पिछले 4 साल से बीजेपी की सरकार है और जो स्थिति बनी है उस पर बात होनी चाहिए. 70 साल से देश में क्या हुआ, इसको लेकर हमले करने से बचना चाहिए. राहुल ने कहा कि पीएम मोदी का संसद में दिया भाषण उनका किसी चुनावी रैली में दिया जाने वाले राजनीतिक भाषण जैसा था जो किसी मायने में सही नहीं कहा जा सकता है.