उत्तर प्रदेश विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। संसद की सुरक्षा व्यवस्था का कड़ी कर दी गई है। लोकसभा और राज्यसभा के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
संसद में बढ़ी सुरक्षा-
- यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है।
- संसद में जांच के लिए टीम पहुंची है।
- टीम के साथ मेटल डिटेक्टर और खोजी कुत्ते के साथ-साथ वो सभी उपकरण है जिनसे किसी भी प्रकार के खतरों को खोजा जा सकता है।
- सोमवार से मानसून सत्र आरंभ हो रहा है।
- सत्र के शुरु होने से पहले यह जांच की जा रही है।
- लोकसभा और राज्यसभा के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
- यूपी में विस्फोटक मिलने के बाद सुरक्षा जांच को सख्ती से किया जा रहा है।
विधानसभा में टेबल के नीचे मिला था विस्फोटक-
- गुरुवार को यूपी विधानसभा में अब तक की सबसे बड़ी चूक सामने आई है।
- जिसके बाद मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बैठक का आयोजन किया है।
- 12 जुलाई को मानसून सत्र के दौरान नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी की टेबल के नीचे विस्फोटक मिला था।
- फॉरेंसिक जांच में PETN विस्फोटक की पुष्टि की गयी है।
- गौरतलब है कि, PETN पदार्थ का प्रयोग आतंकियों द्वारा ट्रेन में धमाके के लिए किया गया था।
- ज्ञात हो कि, चेकिंग के दौरान डॉग स्क्वाड भी विस्फोटक को सूंघ नहीं सका था।
विधानसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला-
- यूपी विधानसभा में सपा विधायक की टेबल के नीचे विस्फोटक मिलने के बाद हर कोई सकते में हैं।
- वहीँ विधानसभा की सुरक्षा में सेंध का यह सबसे बड़ा मामला है।
- मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हो गयी है।
- जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि, इतनी भारी सुरक्षा के बीच विस्फोटक पदार्थ विधानसभा में पहुंचा कैसे?
कैसे पहुंचा होगा विस्फोटक:
- विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं.
- मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी खड़े रहते हैं.
- लेकिन हैरानी की बात ये है कि मल्टी लेयर सुरक्षा घेरे को तोड़कर कोई विस्फोटक लेकर कैसे पहुँच गया?
- वहीँ इस पूरे घटनाक्रम में साजिश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है.
- इस प्रकार की वारदात के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
- विस्फोटक नीले रंग के पॉलीथीन में रखा गया था.
- जब राजधानी स्थित विधानसभा सुरक्षित नहीं है तो पूरे प्रदेश में सुरक्षा के प्रबंध कैसे होंगे?
- ATS को इस मामले में जाँच के आदेश दिए गए हैं.
- 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में PETN का इस्तेमाल किया गया था.
- ये एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको X-रे मशीन भी नहीं पकड़ पाती है.
- ये छोटी से छोटी मात्रा में बढ़ा धमाका कर सकता है.
- वहीँ ये भी बात सामने आई है कि सदन के भीतर जाने वालों की तलाशी नहीं होती है.
- ऐसे में सुरक्षा में हुई इस चूक की जवाबदेही किसकी होगी?
होम मिनिस्ट्री ने रिपोर्ट की तलब:
- वहीँ इस मामले में होम मिनिस्ट्री ने रिपोर्ट तलब की है.
- होम मिनिस्ट्री ने मामले पर यूपी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है.
- विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि फॉरेंसिक जांच अधिकारियों ने विस्फोटक की क्षमता बताई है.
- पूरी घटना के पीछे देश औऱ प्रदेश को बदनाम करने के साजिश है.
- उन्होंने ATS को सदन में अन्दर प्रवेश की अनुमति दी.
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