हाल ही में केंद्र सरकार ने तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम औरतों के अधिकारों हेतु एक कड़ा रुख अपनाया था जिसके बाद इस विवाद ने तूल पकड़ लिया है।
महिलायों को मिले एक जैसा अधिकार :
- हाल ही में केंद्र सरकार ने महिलायों के अधिकारों के लिए कड़ा रुख अपनाया था।
- जिसके बाद AIMPLB के कार्यकर्ता ने सरकार को जनमत संग्रह की नसीहत दी थी।
- बताया जा रहा है कि अब इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है।
- बीते दिन पीएम नरेंद्र मोदी लखनऊ में विजयदशमी के मौके पर मौजूद थे।
- उन्होंने रामलीला के मंच से हर धर्म-जाति कि महिलाओं को न्याय दिलाने की वकालत की थी।
- इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि किसी भी धर्म की बेटी को एक जैसे अधिकार मिलने चाहिए।
- मोदी के इस बयान पर कांग्रेस का कहना है कि तीन तलाक पर सभी पक्षों से बात होनी चाहिए।
- कांग्रेस के महासचिव शकील अहमद के अनुसार इस्लाम में महिलाओं को पहले से ही कई अधिकार मिले हुए हैं।
- आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही सरकार ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है।
- इसके साथ ही तीन तलक को संविधान के खिलाफ बताया है।
- सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए सरकार ने कहा है कि संविधान में तीन तलाक की कोई जगह नहीं है।
- मर्दों की एक से ज्यादा शादी की इजाजत संविधान नहीं देता।
- इसके साथ ही तीन तलाक और बहुविवाह इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।