राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदकधारी मनोज कुमार (64 किग्रा) गुरुवार (23 जून) को यहां एआईबीए विश्व क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचकर ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के दूसरे मुक्केबाज बन गए। मनोज ने ताजिकिस्तान के राखिमोव शवकात्जोन को क्वार्टरफाइनल में 3-0 से पराजित किया। अब वह शुक्रवार (24 जून) को होने वाले सेमीफाइनल में ब्रिटेन के यूरोपीय चैम्पियन पैट मैकोरमैक से भिड़ेंगे जिन्होंने क्वार्टरफाइनल में फ्रांस के एमजीले हसन को शिकस्त दी थी।
- एक तरफ जहां खेल प्रेमियों का दिल पिछले ओलंपिक की कास्य पदम विजेता एमसी मैरीकौम को वाइल्ड कार्ड एंट्री नहीं मिलने से टूटा हुआ था, वहीं शाम को मनोज ने उन्हें मुस्कुराने का मौका दे दिया।
- तीन भारतीय बाक्सरों के क्वालिफायर के क्वाटर फाइनल में पहुंचकर रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई न कर पाने से सभी की निगाहें इन मुकाबलों पर लगी हुई थीं।
- रिंग में उतरने से पहले इस मौके को हर हाल में भुनाने की बात कहकर गए इस हरियाणवी बॉक्सर ने पहले राउंड की शुरूआत से ही विपक्षी को हावी होने का कोई मौका नहीं दिया।
- आक्रमक खेल के लिए पहचान रखने वाले मनोज ने अपने प्रतिद्वदीं पर ताबड़तोड़ पंच की बरसात कर दी और 3-0 के एकतरफा परिणाम के साथ सेमिफाइनल में जाने के साथ रियो ओलंपिक का टिकट पक्का कर लिया।
- इससे पहले अभी तक एक ही भारतीय बॉक्सर शिव थापा को रियो ओलंपिक का क्वालिफाइंग टिकट हासिल हुआ था।
अपने तिरंगे के नीचे खेलना चाहते हैः
- मनोज ने कहा, ‘भारतीय मुक्केबाजी के हालात जिस तरह के हैं, उसे देखते हुए मैं राहत महसूस कर रहा हूं कि मैंने रियो ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया है।
- उन्होंने कहा, ‘मैं कोचों, खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय कोचिंग स्टाफ, भारतीय खेल प्राधिकरण और अपने निजी कोच व बड़े भाई राजेश का शुक्रिया अदा करता हूं। उनके प्रयासों ने मुझे यहां तक पहुंचने में मदद की।’
- मनोज ने कहा कि रिंग के बाहर तिंरगे की जगह आइबा का झण्डा हमारा प्रतिनिधित्व करता हुआ दिखाई देता है, जिससे हमारा हौसला कमजोर हो जाता है।
- उन्होने कहा कि हम चाहते हैं कि बॉक्सिंग संघ के चुनाव जल्द से जल्द हो और हमें ओलंपिक में अपने तिरंगे के नीचे ही लड़ने का मौका मिले।
- उन्होंने कहा कि मै आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से आग्रह करूंगा कि वे हस्तक्षेप करे और सभी बॉक्सरों से पूछे कि वे क्या चाहते हैं।