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पटाखों पर प्रतिबंध, साम्प्रदायिकता और सियासत के बीच उलझी बहस..

पिछले साल दीपावली के बाद दिल्ली औऱ आसपास के इलाको में दो दिन तक आसमान में ऐसी धुंध छाई रही कि सांस लेना मुश्किल होने लगा.अस्थमा के मरीज को सबसे ज्यादा परेशानी हुई औऱ कई लोगों को साँस लेने में तकलीफ..आंखो में जलन जैसी दूसरी बीमारियों का सामना करना पडा..तो क्या इसके लिये सिर्फ एक दिन ही जिम्मेदार है या फिर प्रदूषण के लिये जिम्मेदार दूसरी बहुत सी बातो को नजरअंदाज करना भारी पड रहा है..

केवल हिन्दू त्योहारों पर ही याचिकाएं क्यों?

प्रतिबंध कभी जलीकट्टू पर तो कभी दही हांडी फोडने पर लगाया जाता है..अब दीपावली मे पटाखो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है..

व्यापारी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट..सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद हजारो करोड का पटाखा कारोबार संकट मे आ गया है..दिल्ली के पटाखा व्यापारियो ने सुप्रीम कोर्ट मे पुर्नविचार याचिका दायर की है..व्यापारियो का तर्क है कि वह बर्बाद हो जायेगे..इस सीजन के लिये उन्होने भारी पूंजी निवेश कर दी है क्योकि सरकार ने उन्हे पटाखा बेचने का लाईसेसं दे दिया था..उन्हे नही पता था कि पटाखो पर ऐन मौके पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा.उन्होने सरकार की रजामंदी के बाद पटाखा कारोबार मे पैसा निवेश किया है..

विरोध के सुर –

विख्यात लेखक चेतन भगत सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेहद आहत नजर आये.. चेतन भगत ने कहा है कि बच्चों के लिए पटाखों के बिना कैसी दिवाली? चेतन भगत ने इस मुद्दे पर एक के बाद एक कई ट्वीट किये। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली में पटाखे चलाने पर रोक लगा दी है? पूरी तरह से रोक? बच्चों के लिए बिना पटाखे की कैसी दिवाली? चेतन भगत ने आगे लिखा कि क्या मैं पटाखों पर बैन पर पूछ सकता हूं? हिन्दुओं के त्योहारों के साथ ही ऐसा क्यों होता है? क्या बकरे काटने और मुहर्रम में खून बहाने पर रोक लगने जा रही है?

त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय का ट्विट – ‘कभी दही हांडी, आज पटाखा, कल को हो सकता है कि प्रदूषण का हवाला देकर अवॉर्ड वापसी गैंग हिंदुओं की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे.’ इस ट्वीट के बाद तथागत रॉय लोगों के निशाने पर हैं..हालाकि एक इंटरव्यू मे वह अपनी इस राय पर कायम है…

सोशल मीडिया पर मची है मारकाट – सोशल मीडिया पर एक सवाल बडी शिद्दत से उठाया जा रहा है..पटाखो का समर्थन करने वाले सवाल उठा रहे है कि दुनिया के तमाम मुल्क पर्यावरण की बात करते है लेकिन नया साल यानि 31 दिसंबर को दुनिया के 199 देश रात भर पटाखे जलाते है तो क्या उससे प्रदूषण नही होता है..भारत मे सिर्फ एक दिन पटाखा जलाने से कितना प्रदूषण हो जायेगा..

क्यों उचित है प्रतिबंध –

क्यो नही उचित है प्रतिबंध –

तो सवाल यह है कि

Writer 

Manas Srivastava

Associate Editor

Bharat samachar

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