विद्यालय,मदरसा य गिरिजाघर,शिक्षा ऐसी जो राष्ट्रप्रेम भरे-बोले प्रसिद्ध कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज
विद्यालय,मदरसा य गिरिजाघर,शिक्षा ऐसी जो राष्ट्रप्रेम भरे
-हरदोई में बोले प्रसिद्ध कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज
-उच्चशिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के आवास पर कर रहे थे प्रेस कांफ्रेंस
-प्रेम भूषण महाराज ने हिजाब के साथ-साथ हिंदू समाज में घूंघट प्रथा का विरोध किया
-आदि पुरुष फिल्म को लेकर कहा कि सरकार इस पर पाबंदी लगा देगी
-कहा सरकार पहले वाली नहीं है यह भगत सरकार है
-कहा,सनातन ही नहीं किसी भी धर्म के प्रति विकृति आएगी सरकार वैन लगा देगी
एंकर-हरदोई में प्रदेश सरकार में उच्चशिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के बुलावे पर उनके यहां राम कथा करने पहुंचे देश के प्रसिद्ध राम कथा वाचक प्रेम भूषण महाराज ने हिजाब के साथ-साथ हिंदू समाज में घूंघट प्रथा का विरोध किया है। उनके मुताबिक जब जयमाल जैसी चीजें सार्वजनिक रूप से होते हैं तो बहुओं को घर में सलवार सूट पहनकर घूमना चाहिए।उन्होंने मदरसों से लेकर विद्यालयों में राष्ट्रप्रेम की शिक्षा पर जोर दिया।उन्होंने यह भरोसा जताया कि आदि पुरुष फिल्म सरकार वैन कर देगी।
पत्रकारों से वार्ता के दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक प्रेमभूषण महाराज से जब हिजाब को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा हिजाब और घूंघट विद्यालय के लिए नहीं है आप घर में जो चाहे पहने।उन्होंने कहाकि मैं अपने घर की बात कर रहा हूं कि हम इतने मूड हैं समाज के सामने जब हम जयमाल प्रसंग करते हैं लड़की बिटिया 8 घंटे तैयार होकर चलती है उसके सर पर भी पल्लू कितना रहता है लेकिन जब वह घर में बहू बन के आ जाती है तो सबसे पहले कहती है घूंघट निकालो।अभी समाज को कौन कहे कि जिसका तुमने सामाजिक प्रदर्शन कर दिया उसका घर में घूंघट का क्या अर्थ है उसको सूट पहन कर घर में रहने दो नहीं इस प्रकार की गलती हम करते रहते हैं कोई बोलने वाला नहीं है कोई बोलेगा तो नाव डूब जाएगी यह धीरे-धीरे सब बंद हो जाएगा और यह जयमाल प्रसंग भी बंद हो जाएगा।कहाकि विद्यालय में बेटी आएंगी पढेंगी सदाचार बढ़ता चला जाएगा और कहीं कोई विरोध में आपको नहीं दिखाई पड़ेगा सब सहज अवस्था में होंगे।
यूपी में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों में दीनी तालीम को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विद्यालय मदरसा हो य गिरिजाघर मंदिर हो या कन्वेंट हो शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो राष्ट्रप्रेम जागृत करें और वैश्विक समाज में उसकी अपनी अभिव्यक्ति सहज हो। किसी सख्त की शिक्षा न गुरुकुल में हो इस्लाम के मदरसे में ना हो गिरजाघर में न हो न मंदिर में हो।कहाकि राष्ट्र सर्वोपरि है धर्म से भी सर्वोपरि राष्ट्र है राष्ट्र के बारे में अध्ययन होना चाहिए राष्ट्रीयता के बारे में विद्यालय में पढ़ाया जाना चाहिए बौद्धिक विकास इस स्तर का होगी हमारी अंतर चेतना इस धरती की है उसके स्तर के विकास की स्थिति हम पढ़ाएं जिससे बच्चों में राष्ट्र धर्म और समाज में मनुष्य के प्रति प्रीत का वर्णन होग।आदि पुरुष फिल्म को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार इस पर वैन लगा देगी। सरकार पहले वाली नहीं है यह भगत सरकार है जहां सनातन ही नहीं किसी भी धर्म के प्रति विकृति आएगी सरकार वैन लगा देगी सरकार स्वभाव से सख्त हो गई है लिबरल मालिक नहीं होना चाहिए।
विज़ुअल
बाइट-प्रेमभूषण जी महाराज
Report:- Manoj