भारत एक ऐसा देश है जहां धर्म को लेकर तमाम तरह की मान्यताएं और परम्पराये सदियों से चली आ रही है। इन्हीं परम्पराओं की वजह यहां के लोग धर्म के नाम पर कुछ ऐसा भी कर जाते है जिसकी वजह से समाजि अवरोध पैदा होने लगते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने धर्म की वजह से समाज में उत्पन्न होने वाले इन्ही अवरोधो की बात करते हुए कहा कि भगवान के मदिरों को सार्वजनिक स्थानों जैसे सड़क, फुटपाथ आदि जगह पर बनाने वाले भगवान का सम्मान नही बल्कि अपमान करते हैं। कोर्ट ने कहा कि सड़को को घेरकर धामिर्क स्थल बनाने वाले उस सड़क से गुजरने वाले तमाम लोगो के समाने मुसीबत पैदा करते है, ईश्वर तो वह होता है जो इन्सानों की मुसीबतों को दूर करता है। ईश्वर कभी सड़को पर अवरोध पैदा नहीं करना चाहता, वो तो तमाम अवरोधों को दूर करके इन्सानों कें लिए रास्ता निकालता है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को भी आड़ो हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकारों को इस तरह के सभी अवैध निर्माण हटाने चाहिए। आदेश के बावजूद हलफनामा दाखिल नहीं किये जाने पर नाराजगी जताते हुए शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकारो को दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का मौका दिया है।