योगेश सवानी को मुहं का कैंसर हो गया है, अभी वह मात्र 27 वर्ष के हैं। ऐसा नहीं है कि वह एकाएक कैंसर की गिरफ्त में आये, बल्कि वह जानते हैं कि उन्हें कैंसर क्यों हुआ है। योगेश जब पांचवी क्लास में थे तभी से उन्हें तम्बाकू खाने की आदत हो गई। घर-परिवार और आस-पास के बड़ों को देख कर उन्होंने भी तम्बाकू का सेवन शौक के तौर शुरू किया था, लेकिन कब यह शौक उनकी आदत बन गई उन्हें पता ही नहीं चला। अब उनकी हालत गंभीर है।
आज 31 मई यानी तम्बाकू निषेध दिवस पर वह अपने जैसे ही कई युवाओं को सन्देश देना चाहते हैं जो तम्बाकू की गिरफ्त में है। योगेश नहीं चाहते हैं कि उनकी ही तरह कोई अन्य युवा तम्बाकू के जरिये कैंसर का शिकार बने। योगेश मानते हैं कि यह उनकी ही गलती की वजह से हुआ हैं, और अपनी इस हालत के जिम्मेदार वह खुद हैं।
योगेश कहते हैं कि तीन महीने पहले ही पता चला था कि मुझे कैंसर हैं। अब आगे मेरी सर्जरी होनी है। उन्होंने बताया कि मैने अपने बड़ों को देखकर 10 साल की उम्र से ही तम्बाकू खाना शुरू कर दिया था।
वहीं गोरखपुर के रहने वाले अरविन्द सिंह भी मुंह के कैंसर के शिकार हो गये हैं। उनकी उम्र 37 साल है। डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी है। उन्होने 8 साल की उम्र से ही तम्बाकू खाना शुरू कर दिया था अरविन्द का कहना है कि मेरी बचत का अधिकांश हिस्सा मेरे इलाज में खर्च हो रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि कुछ समय पहले तक 40 से 50 साल के लोगों में कैंसर की समस्या देखी जाती थी, लेकिन अब 20 से 25 वर्ष के युवा भी कैंसर से ग्रसित हैं।
अब कम उम्र के लोग भी आसानी से कैंसर की चपेट में आ रहे हैं, बच्चे और किशोर फिल्मों की देखादेखी स्मोक करने लगते हैं, और बीमारी की चपेट में आते है।