पिछले साल दिल्ली मेट्रो पर एक कथित तौर पर नशे में पुलिसकर्मी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। उस वीडियो दिल्ली मेट्रो में दिल्ली पुलिस का एक जवान मेट्रो के एक कोच में चारों ओर चक्कर खाता नशे की हालत में हो दिखाई दिया।
https://www.youtube.com/watch?v=Qbi-w4jO9uc
- डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस के उस जवान का नाम सलीम पी के है।
- सलीम दिल्ली पुलिस में एक हेड कांस्टेबल है।
- उसने बताया कि वो उस समय नशे में नहीं था बल्कि उसे एक स्ट्रोक का सामना करना पड़ रहा था।
- सोशल मीडिया पर वायरल उस विडियो के कारण सलीम (उम्र 50 वर्ष) कांस्टेबल को एक जांच का सामना करना पड़ा था।
- उसके बाद उसे दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल पद से निलंबित कर दिया गया था।
- जिसके बाद हेड कांस्टेबल सलीम ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
- उनका निलंबन वापस ले लिया गया है, और उसे 5 नवंबर 2015 को बहाल कर दिया गया है।
- रिपोर्ट में कहा गया सलीम को चक्कर आने का कारण एक स्ट्रोक था।
- जिस दिन मेट्रो में यह वीडियो रिकार्ड किया गया था, जैसा कि वीडियो में देखा वह अपने संतुलन को खोजने के लिए संघर्ष कर रहा था।
- इस दौरान वह कई बार मेट्रो में नीचे गिर भी गया था।
- अब सलीम का कहना है कि अपूरणीय ढंग से जनता की आँखों में उनकी छवि को बदनाम करने को कोशिश की गयी।
- सलीम बिना किसी पुष्टि के उस वीडियो को सोशल मिडिया और मीडिया कवरेज को गैर जिम्मेदाराना मानते हुए उस विडियो को अपलोड करने के लिए मुआवजे की मांग कर रहा है।
- सलीम ने उस वीडियो को हटाने के लिए उचित कदम उठाने के लिए सरकार से आग्रह किया है।
इस घटना से सोशल मिडिया की छवि को लेकर एक बहुत बड़ा सवाल भी उठ रहा है, कि क्या किसी सत्यापन के बिना हमे सोशल मिडिया में ऐसे चीजे अपलोड करनी चाहिए। जिससे सलीम जैसे अन्य लोंगों को उसका खामियाजा भुगतान पड़े। सोशल मिडिया का इस तरह दुरपयोग न हो जिससे किसी और सलीम के जीवन में परेशानी उत्पन्न हो। इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।