उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान पर चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश के हक़ में फैसला सुनाया गया है। जिसके बाद समाजवादी पार्टी अब बिल्कुल नए हाथों में पहुँच गयी है। वहीँ विशेषज्ञों के अनुसार, इस नई सपा में पुरानी सपा से उलट काफी सारे बदलाव किये जायेंगे।
अखिलेश की सपा:
- चुनाव आयोग ने 16 जनवरी को फैसला सुनाकर समाजवादी पार्टी को आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री अखिलेश का करार दे दिया है।
- जिसके बाद समाजवादी पार्टी में कई स्तर के बदलाव किये जायेंगे, जिसकी शुरुआत भी की जा चुकी है।
शिवपाल और अमर सिंह होंगे बाहर:
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शिवपाल सिंह यादव और अमर सिंह के लिए कोई जगह नहीं होगी।
- इसके अलावा सपा प्रमुख पहले ही सरेंडर कर संरक्षक की भूमिका में आ गए हैं।
- हालाँकि, सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अखिलेश इस बार के चुनाव में शिवपाल सिंह को साथ सकते हैं।
- लेकिन उनकी भूमिका को बेहद सीमित किया जायेगा।
कौमी एकता दल पर भी पड़ेगी वक्र दृष्टि:
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नजर कौमी एकता दल पर भी रहेगी।
- अखिलेश यादव की नाराजगी यहीं से उभर कर बाहर आई थी, जिसके चलते परिवार में टूट पड़ गयी।
- इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद और मुख़्तार के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के भी टिकट काटे जायेंगे।
शिवपाल के करीबियों पर अब मुख्यमंत्री उर्फ़ राष्ट्रीय अध्यक्ष चलाएंगे कैंची:
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नए संगठन में शिवपाल के किसी करीबी को भी नहीं रहने देंगे।
- जिसके बाद शादाब फातिमा, अंबिका चौधरी, पिंटू राणा, गायत्री प्रजापति, रामपाल यादव, नारद राय, ओम प्रकाश सिंह पर भी मुख्यमंत्री कैंची चलाएंगे।