प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नोटबंदी के फैसले पर जनता के समर्थन को वोट में तब्दील करना चाहते हैं। यही कारण है कि वो उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा रैलियां कर रहे हैं। पीएम मोदी ने पहले गाजीपुर रैली से पूर्वांचल पर फोकस किया। इसके बाद विपक्ष के भारत बंद के ऐलान वाले दिन से एक दिन पहले कुशीनगर में रैली कर भारत बंद को फेल किया। कुशीनगर रैली में पूरी तरह से नोटबंदी पर फोकस किया गया। जिसका परिणाम यह रहा कि भारत बंद लगभग बे-असर साबित हुआ।
- पीएम ने कहा कि अपनी रैलियों में पीएम ने नोटबंदी पर लोगों का मन भी टटोला है।
- माना जा रहा था कि मोदी मुरादाबाद में भी यही काम करने जा रहे हैं।
- पश्चिमी यूपी में नोटबंदी का मुद्दा उठाकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी को मजबूत करना चाहते हैं।
- मोदी इस वक्त हिंदुत्व की बजाय सबको साथ लेकर चलने और विकास के मुद्दे पर फोकस कर रहे हैं।
- नोटबंदी के मुद्दे पर लोग परेशानी के बावजूद सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
- हालांकि जानकारों का मानना है कि अगर 30 दिसंबर तक यह समस्या हल नहीं होती है।
- तो बीजेपी को जो फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है वह नुकसान में तब्दील हो जाएगा।
नोटबंदी पर समर्थन को जुटाने की कोशिशः
- पीएम ने मुरादाबाद रैली में नोटबंदी के बाद मिले समर्थन को भुनाने की कोशिश की।
- लोकसभा चुनाव में जहां बसपा का पश्चिमी यूपी से सफाया हुआ है।
- वहीं, जाटों के बीच मजबूत पैठ बनाने वाली रालोद की पकड़ भी कमजोर हुई है।
- भाजपा रणनीतिकारों का मानना है कि यही वो समय है जब भाजपा पश्चिमी यूपी में खुद को मजबूत बना सकती है।