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सम्भल लोकसभा क्षेत्र : जानिए, सम्भल ( Sambhal ) लोकसभा सीट का इतिहास

Sambhal

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उत्तर प्रदेश लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक सम्भल लोकसभा क्षेत्र मुरादाबाद से अलग हुआ जिला है. सम्भल का ही एक भाग सराई तरीन  अपने सबसे अलग तरह के सींग और हड्डियों की शिल्पकला क लिए विश्व प्रसिद्द है. सम्भल का मुख्यालय पावसा सम्भल में स्थित है.

सम्भल मुग़ल शासक अकबर के शासनकाल में काफी निखरा पर उसी के पुत्र शाह जहाँ के शासन में सम्भल की हालत काफी बिगड़ गयी. सम्भल का एक समृद्ध इतिहास है. यहाँ बहुत से शासकों और सम्राटों ने शासन किया है. लोधियों से लेकर मुग़लों तक सम्भल पर शासन किया गया है. यह अशोक के साम्राज्य का भी हिस्सा था. पहला मुग़ल शासक बाबर ने यहाँ पहले बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था जो आज तक एक ऐतिहासिक स्मारक है.

सम्भल लोक सभा का निर्वाचन क्षेत्र 1977 में बना. उससे पहले यह मुरादाबाद में सम्मिलित था.

सम्भल की जनसँख्या 221,334 है जिसमें से 116,008 पुरुष और 105,326 महिलाएं हैं. सम्भल में प्रति 1000 पुरुषों में 908 महिलाएं हैं. यहाँ की पुरुष साक्षरता दर 74.05% और महिला साक्षरता दर 66.90% है.

सम्भल के वर्तमान सांसद भारतीय जनता पार्टी के नेता सत्यपाल सिंह हैं.

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सम्भल के वर्तमान सांसद भारतीय जनता पार्टी के नेता सत्यपाल सिंह हैं. [/penci_blockquote]

सम्भल लोक सभा क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं;

कुन्दरकी

बिलारी

चंदौसी

असमोली

सम्भल

सम्भल में पहली बार 1977 में लोक सबह चुनाव हुए जिसमें भारतीय लोक दल की शांति देवी ने विजय प्राप्त की और 3 साल तक यहाँ की सांसद रहीं.

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1980  में हुए चुनाव में भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के बिजेंद्र पल सिंह जीते. 1984 लोक सभा चुनाव में शांति देवी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का टिकट ले कर चुनाव लड़ीं और जीती. 1989 से लेकर 1996 तक जनता दल के श्रीपाल सिंह यादव लगातार 2 बार सांसद रहे. 1996 में श्रीपाल सिंह यादव को बहुजन समाज पार्टी के धर्मपाल यादव ने हरा कर उन्ही गद्दी पर कब्ज़ा जमाया जो उन्होंने अगले ही चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के हाथों खो भी दिया.

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धरमपाल यादव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माफिया डॉन के नाम भी जाने जाते हैं और अवैध शराब की बिक्री से भी जुड़े हैं. 2007 इन्होने अपनी पार्टी पश्त्रिया परिवर्तन दल बनाया. मार्च 2015 से भाटी मर्डर केस में यादव देहरादून जेल में उम्रकैद की सजा झेल रहे हैं.

इसके बाद मुलायम सिंह यादव 2 बार सम्भल के सांसद बने. मुलायम सिंह 3 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर भी रहे और 1 बार केंद्र में रक्षा मंत्री का पद भी संभाला. बलात्कार के केस में कानून बदलाव के विरोद में एल विवादित भाषण के बाद 2012 में ये विवादों में रहे. मुलायम सिंह का वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ है.

पर समाजवादी पार्टी के हाथों से ये सीट अभी गयी नहीं. 2004 में समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव सम्भल के सांसद बने. मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के चचेरे भाई राम गोपाल यादव अपने ही भाई के द्वारा 2 बार पार्टी से निकाल दिए गये.

2009 में यह सीट फिर बहुजन समाज पार्टी को मिली और बसपा के नेता शाफिकुर रहमान सम्भल के सांसद बन गये.

सम्भल के वर्तमान सांसद भारतीय जनता पार्टी के नेता सत्यपाल सिंह हैं. वर्तमान में ये कृषि की स्थायी समिति के सदस्य हैं और ग्रामीण विकास और जल संसाधन मंत्रालय में भी कार्यरत हैं.

लोकसभा वर्ष से वर्ष तक सांसद पार्टी
छठवीं 1977 1980 शांति देवी भारतीय लोक दल
सातवीं 1980 1984 बिजेंद्र पल सिंह कांग्रेस
आठवीं 1984 1989 शांति देवी कांग्रेस
नौवीं 1989 1991 श्रीपाल सिंह यादव जनता दल
दसवीं 1991 1996 श्रीपाल सिंह यादव जनता दल
ग्यारहवीं 1996 1998 धर्मपाल यादव बहुजन समाज पार्टी
बारहवीं 1998 1999 मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी
तेरहवीं 1999 2004 मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी
चौदहवीं 2004 2009 राम गोपाल यादव समाजवादी पार्टी
पंद्रहवीं 2009 2014 शाफिकुर रहमान बहुजन समाज पार्टी
सोलहवीं 2014 अब तक सत्यपाल सिंह भारतीय जनता पार्टी

 

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