क्षत्रिय महासभा की नही हुई सभा, तैनात रही भारी पुलिस फोर्स, (पूर्व की भांति हुई प्रार्थना सभा हजारों की संख्या में जुटे श्रद्धालु), अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा द्वारा भूलनडीह गांव में धर्मांतरण के खिलाफ होने वाली सभा प्रशासन की अनुमति न मिलने से नही हो पाई।आयोजित सभा को लेकर प्रशासन इतना चौकन्ना था कि कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई।दूसरी तरफ भूलनडीह में प्रार्थना सभा अपने नियमित समय से शुरू हुई किन्तु संचालक दुर्गा यादव की अनुपस्थिति के चलते दोपहर में ही समाप्त हो गई।
क्या है पूरा मामला
डोभी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में काफी दिनों से ईसाई मिशनरियों के सक्रिय होने व प्रार्थना सभाओं के माध्यम से धर्मांतरण करने का आरोप है । इस सिलसिले में कोई भी हिंदूवादी संगठन अपनी सक्रिय भूमिका निभाने से कतराता रहा।शासन प्रशासन भी इस पर ध्यान न देने का आरोप है। जिसका चलते क्षेत्र के प्रत्येक गाँव पर धर्मान्तरण की सूचना है , इसी कड़ी में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश सचिव सर्वेश सिंह बीरू ने भूलनडीह जाकर सभा करने व धर्मांतरण के खेल पर रोक लगाने का एलान किया था। किंतु अपने होने वाले कार्यक्रम का परमिशन नही लिया था जिसके चलते कार्यक्रम रोकना पड़ा।इस कार्यक्रम को लेकर शासन प्रशासन इतना चौकन्ना था कि केराकत सर्किल के सभी थानों की फोर्स लगा दी गई।हर नाके पर पुलिस बल तैनात थी।लेकिन एक सवाल यह भी सामने आया कि इतनी बड़ी तादात में भीड़ इकट्ठा थी जिसमे सत्तर प्रतिशत महिलाएं होने के बावजूद एक भी महिला पुलिस की तैनाती नही दिखी।प्रार्थना सभा स्थल पर समय से प्रार्थना शुरू तो हुई किन्तु भय का माहौल बना रहा।दुर्गा यादव के कारिंदे बराबर चक्रमण करते रहे।कुछ मीडिया कर्मियों से उनकी नोक झोक भी हुई।जब वे ये जान गए कि ये पत्रकार है तो आइडेंटी कार्ड भी दिखाने को कहा और ली गई फोटो डिलीट करने का दबाव भी बनाया।अब देखना है कि शासन प्रशासन व हिंदूवादी संगठन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और आगे क्या कर पाते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।मौके पर तैनात थानाध्यक्ष शशिचन्द्र चौधरी ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने प्रार्थना की जिसकी परमिशन लिए थे या नहीं यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।बहरहाल सकुशल सब सम्पन्न हो गया।