जलपरी के नाम से मशहूर 11 साल की श्रद्धा शुक्ला अपने सफर के पहले दिन गंगा के तेज बहाव में 80 किलोमीटर तैरते हुए उन्नाव के चंद्रिका देवी घाट पर पहुंची थीं। वहीं दूसरे दिन 70 किलोमीटर तैरकर वह रायबरेली के गेगासो गंगा तट पर पहुंच गयी है। रायबरेली पहुंचने पर लोगों ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया।
- श्रद्धा सालों से अपनी मेहनत और हुनर के बल पर सरकारी तंत्र को आइना दिखाती रहीं है।
- लेकिन अफसोस न तो अफसर और न ही कोई नेता बिटिया के लिए आगे आ रही है।
- जलपरी श्रदा शुक्ल मंगलवार को 150 किमी लंबा पानी का सफर तय करते हुए कानपूर से रायबरेली पहुंची।
- क्लीन गंगा का संदेश देने के लिए श्रद्धा कानपुर से उन्वाव, रायबरेली, फतेहपुर, कौशांबी, इलाहाबाद और मिर्जापुर होते हुए वाराणसी पहुंचेंगी।
- श्रद्धा अब अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए फिर गंगा में है।
- वह कानपुर से वाराणसी तक 570 किलोमीटर की यात्रा पर निकली है।
उफनाती गंगा के बीच कानपुर से वाराणसी पहुंचेगी जलपरी
प्रसाशन ने किये सुरक्षा के इंतजामः
- बारिश के कारण उफनाई गंगा में तैराकी कर रही जलपरी को प्रशासन पूरी सुरक्षा दे रहा है।
- इस दौरान गंगा में दो नावें उसके पीछे चल रही हैं।
- इसमें चार नाव चालक, छह लाइफ गार्ड और खाने-पीने का सामान है।
- श्रद्धा के साथ आठ गोताखोर, दो शूटरों की टीम भी चल रही है।
- गंगा में किसी खतरनाक जलीय जीव से श्रद्धा को बचाने के लिए शूटरों की व्यवस्था की गई है।
- उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए डॉ. सुभाष को भी टीम में शामिल किया गया हैं।
- किसी भी खतरे के समय श्रद्धा को पूरी मदद की जाएगी।