राम कृष्ण अब 80 साल के हो चुके हैं। लिहाजा, अधिक चलने-फिरने में लाचार हैं। पर मैं (उनका बेटा) जब भी प्राधिकरण दिवस से लौट कर जाता हूं तो मकान के बाबत जवाब जरूर मांगते हैं। मैं स्थिति से अवगत करा देता हूं और वह फिर से निराश हो जाते हैं।
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पहले पिता अब बेटा लगा रहा एलडीए के चक्कर
- सहकारिता विभाग से महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त रामकृष्ण अलीगंज निवासी हैं।
- जिन्होंने 31 साल पहले गोमती नगर योजना में रजिस्टे्रशन के लिए 2000 रुपए जमा किये थे।
- बाद में पूरी राशि भी जमा की लेकिन आज तक प्लाट नहीं मिल सका।
- प्राधिकरण दिवस में एक बार फिर राम कृष्ण के बेटे एससी यादव पहुचे।
- पेशे से स्वास्थ्य निदेशालय में इंजीनियर के पद पर तैनात एससी यादव ने अपने पिता की यह कहानी बयां की।
- वह बोले, हमारी तो यही तमन्ना है कि वह जीते जी अपने सपनों का आशियां बनता देख लें।
- इसलिए मैं एलडीए के चक्कर लगा रहा हूँ लेकिन कुछ नहीं हो रहा।
- हालांकि इस दौरान उन्होंने एलडीए द्वारा दिये गए कष्टों को भी बयां किया।
- जिसके चलते बिना जानकारी के उनके प्लाट को दूसरे को बेंच दिया।
- और फिर अब जहां समायोजन किया वहां एलडीए का सेना से विवाद है।
- पंजीकरण के बाद 05/01/1987 को भूखंड संख्या सी 2199 विशाल खंड, गोमती नगर आवंटित है।
- 25/04/1989 को रजीस्ट्री कराने की सूचना मिली।
मिला मौखिक जवाब
- जनवरी 1991 में मेरे द्वारा राशि जमा करने के संबंध में कार्यालय से संपर्क किया गया।
- इस पर पत्रावली न मिलने की बात कही गई। बाद में पत्र भी दिया गया।
- फिर मौखिक रूप से बताया गया कि प्लाट निरस्त कर दूसरे अधिकारी को आवंटित कर दिया गया।
- इस पर प्रार्थना पत्र देकर प्लाट को पुनर्जीवित करने व अन्य प्लाट देने का अनुरोध किया गया।
- इस क्रम में 16/0/1991 को भूखंड संख्या-11 नेहरू इंक्लेव आवंटित किया गया।
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- प्लाट के लिए आवश्यक धनराशि 152704 बतायी गई।
- इस पर उन्होंने 155000 की धनराशि जमा की।
- विभाग ने पत्र से प्लाट के निबंधन के लिए 9280 के स्टाम्प पेपर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
- इस पर उन्होंने एलडीए को बताया कि भारतीय सेना से भूमि विवाद होने के कारण रजिस्ट्री नहीं हो रही है।
- भविष्य में जब रजिस्ट्री संभव हो सूचित करें लेकिन 23 साल बाद भी कोई सूचना नहीं दी गई।
- जब उन्होंने वीसी से मुलाकात की तो उन्होंने समायोजित किये जाने की सूची में नाम देखने को कहा।
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क्या है विवाद
- दरअसल, नेहरू इंक्लेव में भारतीय सेना व एलडीए के बीच विवाद वर्षों पुराना है।
- सेना के अनुसार वह जमीन चांदमारी के लिए आरक्षित है।
- वहीं, एलडीए का कहना है कि उक्त जमीन को वह अधिग्रहीत कर चुके हैं।
- इस मामले में सैकड़ों प्लाट विवादित हो गए थे।
- इसमें से बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी जगह समायोजित कर दिया गया।
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