निदेशक सूडा देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि कड़ाके की ठंड से गरीबों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश भर में सभी सुविधाओं से युक्त शेल्टर होम स्थापित कराए हैं। इसमें 17 जनवरी को 1842 शहरी गरीबों ने शेल्टर होम की सुविधाओं लिया।
45008 लोगों ने उठाया लाभ
उन्होंने बताया कि 17 जनवरी तक कुल 369 आश्रय गृह में कुल 45008 शहरी गरीबों ने लाभ उठाया।
शेल्टर होम में रुकने के लिए अन्य सुविधाओं के साथ किचन, आलमारी, फस्र्ट ऐड बाक्स,
स्नान घर, ठंड से बचाव के लिए अलाव तथा अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
परिवारों के लिए अलग से कक्ष उपलब्ध है तथा किचन में खाने-बनाने की भी सुविधा उपलब्ध है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से सीएम योगी ने प्रदेश के बड़े अधिकारियों के साथ बैठ कर मीटिग की।
इस दौरान जिले के सभी अधिकारियो को सख्त आदेश दिया था कि
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किसी भी तरह का लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी।
इस दौरान एक के बाद एक नये नियम कानून लागू हो गये।
सरकार भी सक्रियता से अधिकारियों पर नकेल कसना शुरु कर दिया। अधिकारी भी सकते में आ गये।
सूडा के निदेशक देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि 17 जनवरी
2018 को 1842 शहरी गरीबों ने शेल्टर होम की सुविधाओं का लाभ उठाया।
18 दिसम्बर, 2017 से 17 जनवरी, 2018 तक कुल 369 शैल्टर होम
(आश्रय गृह) में कुल 45008 शहरी गरीबों ने निवास किया। निदेशक, सूडा निदेशक देवन्द्र कुमार पाण्डेय बताया
कि प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में समस्त सुविधाओं युक्त शैल्टर होम का संचालन किया जा रहा है।
जिससे पूरे प्रदेश में कोई भी शहरी गरीब सड़क पर/फुटपाथ पर या अन्य किसी खुले स्थान पर सोने पर मजबूर न हो।
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प्रदेश में कुल 169 स्थायी शैल्टर होम तथा 200 अस्थायी शैल्टर होम में शहरी गरीबों के रूकने की समुचित व्यवस्था की गयी है। देवन्द्र कुमार पाण्डेय ने प्रदेश के शहरी गरीबों से यह अनुरोध किया है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही
शेल्टर होम की योजना लाभ उठायें एवं किसी भी दशा में खुले स्थान पर न सोयें।
प्रदेश सरकार द्वारा शैल्टर होम में रूकने के लिए पलंग, गद्दा, कम्बल, किचन, अलमारी,
फस्र्ट ऐड बाक्स, स्नान घर, ठंड से बचाव हेतु अलाव तथा अन्य जरूरी सुविधाये उपलब्ध करायी जा रही है।
परिवारों हेतु अलग से रूम उपलब्ध है तथा किचन में खाने-बनाने की भी सुविधा उपलब्ध है।