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बुखार से 70 मासूम बच्चों की मौत, 86 अस्पताल में भर्ती

70 Innocent Children Death from Fever 86 Admit in hospital

70 Innocent Children Death from Fever 86 Admit in hospital

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला में बुखार का कहर लगातार जारी है। जिला में बुखार से 45 दिनों में 70 मासूमों की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। जबकि 86 लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई मासूमों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बता दें कि, इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। मरीजों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के चलते अस्पताल में बेड खाली नहीं बचे हैं। जिस कारण मरीजों का जमीन पर उपचार किया जा रहा है। मौतों के बढ़ते आंकड़ों के बाद पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया है।

सीएमएस डाॅक्टर ओपी पांडेय ने बताया कि अस्पताल में बहराइच ही नहीं श्रावस्ती, गोंडा और बलरामपुर के मरीज आते हैं, जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान 5 बच्चों की मौत हो चुकी है। इसमें दो बच्चे बर्थ एस्पेसिया से पीड़ित थे, दो बच्चों की दिमागी बुखार से और एक बच्चे की निमोनिया से मौत हुई है। वहीं बीते 24 घंटे में अस्पताल में 86 मरीज भर्ती किए गए हैं, जबकि जिला अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में 40 बेड ही उपलब्ध हैं। मासूमों का इलाज करा रहे परिजन अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां समय पर इलाज नहीं हो रहा है।इन बच्चों के परिजनों को डर है कि कहीं जमीन पर लिटाकर इलाज करने से बच्चों में कोई और इंफेक्शन न हो जाए।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पूर्वांचल: 39 साल में 20 हजार मौतें[/penci_blockquote]
पूर्वांचल में मौतों के आंकड़े देखकर आप की आंखे खुली की खुली रह जाएंगी। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2005 में 3532 मरीज भर्ती हुए 937 की मौत हो गई। वर्ष 2006 में 940 मरीज भर्ती हुए 431 की मौत हो गई। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1978 से लेकर अब तक 20 हजार मौतें हो चुकी हैं।
वर्ष 2007 में 2423 मरीज भर्ती हुए 516 की मौत हो गई।
वर्ष 2008 में 2194 मरीज भर्ती हुए 458 की मौत हो गई।
वर्ष 2009 में 2663 मरीज भर्ती हुए 525 की मौत हो गई।
वर्ष 2010 में 3303 मरीज भर्ती हुए 514 की मौत हो गई।
वर्ष 2011 में 3308 मरीज भर्ती हुए 627 की मौत हो गई।
वर्ष 2012 में 2517 मरीज भर्ती हुए 527 की मौत हो गई।
वर्ष 2013 में 2110 मरीज भर्ती हुए 619 की मौत हो गई।
वर्ष 2014 में 2923 मरीज भर्ती हुए 587 की मौत हो गई।
वर्ष 2015 में रोजाना 3113 मरीज भर्ती हुए 668 मौते हुईं।
वर्ष 2016 में 2235 मरीज भर्ती हुए 587 मौतें हुईं।
वर्ष 2017 में करीब 2500 मरीज भर्ती हुए इनमें अगस्त माह में ही 60 लोगों की मौत हो गई।

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