यूपी में पेट्रोल पंपों पर घटतौली और गड़बड़ियां मिलने के बाद हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब प्रशासन की नजर गैस एजेंसियों (gas agencies) पर है। जल्द ही टीमें बनाकर गैस एजेंसियों पर छापेमारी शुरू की जाएगी। इस खबर के गैस एजेंसियों के मालिकों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
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202 पंपों की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी
- प्रशासन की टास्क फोर्स ने राजधानी के 202 पंपों की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
- बड़ी संख्या में पेट्रोल पंपों पर जिस तरह से गड़बड़ियां सामने आई हैं उसे देखते हुए प्रशासन अब गैस एजेंसियों की भी जांच कराएगा।
- अपर जिलाधिकारी आपूर्ति आशुतोष मोहन अग्निहोत्री के मुताबिक राजधानी में करीब सवा दो सौ गैस एजेंसियों में लाखों उपभोक्ता हैं।
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- सभी को सही मात्र में गैस बिना किसी घटतौली के मिल रही है यह बड़ा सवाल है।
- गैस एजेंसियों पर घरेलू और कॉमार्शियल सिलेंडरों को पात्रों को ही भेजा जा रहा है इसकी भी छानबीन की जाएगी।
- एजेंसियों के पुराने स्टाक रजिस्टरों के अलावा गोदामों की भी जांच की जाएगी।
- टास्क फोर्स में तीनों तेल कंपनियों के अधिकारियों के अलावा बाट-माप, प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी रहेंगे।
- प्रशासन की योजना है कि जिस तरह पंपों की जांच की गई उसी तरह गैस एजेंसियों पर भी छापा मारा जाए।
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घटतौली के धंधे में लिप्त हैं कई एजेंसियां
- पेट्रोल पंप संचालकों की तरह ही कई गैस एजेंसी संचालक भी कालाबाजारी और घटतौली के धंधे में लिप्त हैं।
- कई बार गैस एजेंसियां कालाबाजारी करती पकड़ी भी गईं, लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया गया।
- बाट-माप विभाग की भूमिका गैस एजेंसियों को लेकर भी सवालों के घेरे में है।
- तमाम गैस एजेंसियां घरेलू सिलेंडरों को होटलों और दुकानों पर भी सप्लाई करती हैं और घंटों के हिसाब से पैसा वसूल करते हैं।
- लंबे समय से (gas agencies) गोरखधंधा चल रहा है, लेकिन मिलीभगत के चलते किसी एजेंसी पर कार्रवाई नहीं हुई है।
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