योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वाति सिंह बीयर बार ‘बी द बीयर’ (BeTheBeer) के उद्घाटन को लेकर सुर्खियों में हैं। बार का उद्घाटन करते हुए स्वाति सिंह की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। मामले में नया मोड़ तब आया जब खुलासा हुआ कि ‘बी द बीयर’ के पास शराब परोसने का लाइसेंस भी नहीं है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वाति सिंह, दो आईपीएस अफसर समेत उद्घाटन के दौरान मौजूद अन्य मंत्रियों से स्पष्टीकरण मांगा है। लेकिन सच ये है कि राजधानी लखनऊ में सैकड़ों की संख्या में बीयर बार ऐसे हैं जो बिना लाइसेंस के सिर्फ आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत व उनके संरक्षण से चल रहा है।
Uttarpradesh.org का अवैध रुप से चल रहे बीयर बारों पर रियल्टी चेक।
- एक आबकारी अधिकारी के मुताबिक, लखनऊ में सैकड़ों की संख्या में बीयर बार है।
- वहीं, सिर्फ 59 बीयर बार के पास लाइसेंस हैं। लिस्ट में जिनके आगे स्टार (*) लगा है उनका लाइसेंस निरस्त हो चुका है।
- इसके अलावा जितने भी बीयर बार हैं, उनके पास लाइसेंस नहीं हैं पर वो धड़ल्ले से चल रहे हैं।
- सिटी मॉल के क्लब रामाला के पास नहीं है लाइसेंस।
- गोमतीनगर स्थित सिटी मॉल में क्लब रामाला है।
- क्लब रामाला में शराब परोसे जाने के सभी आधुनिक इंतजाम हैं।
- इस क्लब के पास शराब परोसने का लाइसेंस नहीं है।
- यहां लड़के-लड़कियों को धड़ल्ले से शराब परोसी जाती है। साथ में हुक्का पॉर्लर भी है।
- जीरो डिग्री के पास भी नहीं है शराब परोसने का लाइसेंस।
- Uttarpradesh.org की टीम क्लब रामाला के बाद रिवरसाइड मॉल में स्थित ‘जीरो डिग्री’ पहुंची। यहां का नजारा थोड़ा अलग था।
- जीरो डिग्री में पैसे देकर कस्टमर पूरी शराब की बोतल भी खरीद सकता है जबकि यह गैरकानूनी है।
- बता दें, जीरो डिग्री के पास भी शराब परोसने का लाइसेंस नहीं है।
- इसके बावजूद यहां लड़के-लड़कियों को बिना किसी डर के शराब दी जाती है।
- सूत्रों की मानें तो, अधिकारियों की मिलीभगत से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है।
स्वाति सिंह प्रकरण पर एक ओर जहां सारा देश उनकी आलोचना कर रहा है, वहीं लोग यह भूल जाते हैं कि मात्र चुनिंदा अधिकारियों के संरक्षण की वजह अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। बरिस्ते के नाम पर बीयर बार व हुक्का बार का यह चलन युवाओं को खूब आकर्षित करता है। एक ओर जहां तमाम शराब बंदी के आंदोलन चल रहे हैं वहीं अवैध शराब की बिक्री पर प्रशासन की चुप्पी क्या सन्देश दे रही है इसपर कुछ कहने या लिखने की जरूरत नहीं है।
क्या कहते हैं आबकारी अधिकारी
Uttarpradesh.org ने जब जिला आबकारी अधिकारी जेबी यादव से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि संबंधित इंस्पेक्टर को बुलाकर जांचकर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।