उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में स्थित हाई कोर्ट में नये कानून के तहत भूमि बंटवारे की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गयी थी, बुधवार 29 नवम्बर को हाई कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज कर दिया गया है, इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करने के बाद अपना स्पष्टीकरण भी दिया है।
लागू होने के पहले से विचाराधीन मुकदमों पर उ०प्र० जमीनदारी विनाश अधिनियम होगा लागू:
- इलाहाबाद हाई कोर्ट में नये कानून के तहत भूमि बंटवारे की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गयी थी,
- बुधवार 29 नवम्बर को हाई कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज कर दिया गया है।
- इस दौरान कोर्ट ने कहा कि, उ०प्र० राजस्व संहिता 2006 लागू होने के पहले से विचाराधीन मुकदमों पर उ०प्र० जमीनदारी विनाश अधिनियम लागू होगा।
- गौरतलब है कि, यूपी राजस्व संहिता 11 फरवरी 2006 लागू हुई थी।
- जिसके चलते कोर्ट ने भूमि बंटवारे की मांग में 2010 में दाखिल हुए मुक़दमे पर नया कानून लागू करने की मांग को निरस्त करने के फैसले को कोर्ट ने सही माना है।
- दायर याचिका में राज सिंह बनाम पालन सिंह केस की ग्राह्यता पर आपत्ति की गयी थी।
SDM शामली ने याचिका को किया ख़ारिज:
- राज सिंह बनाम पालन सिंह केस की ग्राह्यता पर आपत्ति की गयी थी जिसे SDM शामली ने याची की आपत्ति को ख़ारिज कर दिया था।
- इसके साथ ही याचिका की रिवीजन भी खारिज की गई थी।
- जिसके बाद दोनों आदेशों को याची द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी थी।
- इसी क्रम में बुधवार को प्रताप सिंह की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है,
- यह आदेश जस्टिस सूर्य प्रकाश केशरवानी की एकलपीठ ने दिया है।