उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की लॉ डिग्री के मान्यता से सम्बंधित मामले का काल्ड निपटारा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि, हजारो छात्रों के करियर का सवाल है।
बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से नहीं बढ़वाई मान्यता:
- उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी पर बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से मान्यता नहीं बढ़वाने के तहत एक याचिका दायर की गयी थी।
- जिसमे कहा गया था कि, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने पिछले 3 सालों में अपनी लॉ डिग्री देने की मान्यता को बढ़वाया ही नहीं है।
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बिना मान्यता के ही एलएलबी की पढ़ाई की जा रही है।
- जिस पर कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि, हजारों छात्रों के करियर का सवाल है, जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा किया जाये।
- न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने यूनिवर्सिटी के कुलपति पर मान्यता को आगे न बढ़वाने पर कार्यवाई का आदेश दिया है।
- खंडपीठ ने ये भी निर्देश दिए हैं कि, इस बात की सत्यता भी की जाये की डिग्री बिना मान्यता के बांटी जा रही है।
- कोर्ट ने ये भी कहा कि, जब तक बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से मान्यता नहीं मिल जाती तब तक यूनिवर्सिटी में अगले लॉ कोर्सेज की पढ़ाई नहीं हो सकती है।
- कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया को भी निर्देश दिया है कि, इस मान्यता वाले मामले में 8 हफ़्तों के अन्दर निर्णय लें।
- कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से यूनिवर्सिटी का पक्ष सुनने के बाद नियमानुसार फैसला लेने को कहा है।
- याची देवनाथ कुमार ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई के बाद बार काउंसिल ऑफ़ बिहार में रजिस्ट्रेशन के लिए अर्जी दी जिसे बिहार काउंसिल ने यह कहकर रद्द कर दी कि, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने अपनी मान्यता को 2010-11 से बढ़ाया ही नहीं है।