उत्तर प्रदेश के फ़ैजाबाद जिला स्थित अयोध्या में देसी व विदेशी पर्यटकों में अयोध्या का आकर्षण और बढ़ाने के लिए “नव्य अयोध्या” के मूर्त रूप लेने में भी समय लगेगा। इस बीच सरकार अयोध्या में भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा लगवा सकती है। प्रस्तावित मूर्ति की कुल ऊंचाई 151 मीटर होगी। 44 मीटर की ऊंचाई वाले चबूतरे पर 107 मीटर की मूर्ति स्थापित होगी। इसकी तैयारी हो चुकी है। उम्मीद है कि दीपावली के एक दिन पहले अयोध्या में होने वाले “दीपोत्सव” के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका शिलान्यास करेंगे। हालांकि राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा करनी होगी।
अयोध्या के दोनों पुलों के बीच जहां क्वीन हो मेमोरियल है, फिलहाल वहीं मूर्ति लगाने का प्रस्ताव है। इसके लिए 300 गुणा 300 मीटर जगह की जरूरत होगी। इस बारे में अंतिम निर्णय स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग को करना है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कुछ दिनों में किस जगह मूर्ति लगनी है यह अंतिम रूप से तय हो जाएगा। पर्यावरण संबंधी आपत्तियों से बचने के लिए प्रयास होगा कि यह नदी से मानक दूरी पर हो। यह दूरी इतनी भी न हो कि मूर्ति की भव्यता और दृश्यता पर कोई असर पड़े। पूरी मूर्ति तांबे की होगी। सरंचना तैयार करने के लिए स्टील और कंक्रीट का प्रयोग होगा। उप्र राजकीय निर्माण निगम इसकी कार्यदायी संस्था होगी। नोएडा के जय काकितर मुख्य वास्तुविद होंगे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]श्रृंगवेरपुर में होगा राम और केवट का मिलन[/penci_blockquote]
इसी तरह की एक मूर्ति श्रृंगवेरपुर में भी लगाने की योजना है। इस मूर्ति के माध्यम से राम और निषाद राज (केवट) के मिलन को जीवंत करने का प्रयास होगा। खुद में यह सामाजिक समरसता का संदेश भी होगा। मालूम हो कि वनगमन के दौरान राम, लक्ष्मण और सीता श्रृंगवेरपुर से गंगा पार कर चित्रकूट पहुंचे थे। यहां उस पार जाने के लिए राम और केवट में भावुक संवाद हुआ था। एक और मूर्ति भी लगाने की योजना है, पर यह नहीं तय है कि यह किसकी होगी और कहां लगेगी। अधिक चर्चा इलाहाबाद में सरस्वती की मूर्ति को लेकर है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगी भव्य मूर्ति[/penci_blockquote]
भव्य मूर्ति खुद में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगी। इस आकर्षण को और बढ़ाने के लिए पास में ही म्यूजियम, आर्ट गैलरी, और आडिटोरियम भी बनेगा। म्यूजियम और आर्ट गैलरी में जहां लोग श्रीराम के पूरे जीवन काल से रूबरू हो सकेंगे वहीं आडिटोरियम में विभिन्न देशों की राम लीलाओं के मंचन और लेजर शो की व्यवस्था होगी। इस सबके संचालन के लिए “ब्रज तीर्थ विकास परिषद” की तर्ज पर एक संस्था बनाने का भी प्रस्ताव है। भगवान श्रीराम सबके हैं। अपने आराध्य से हर कोई जुड़े, इसके लिए मूर्ति के निर्माण में सरकारी पैसे का उपयोग नहीं होगा। इसके लिए सरकार लोगों से और औद्योगिक घरानों से चंदा देने की अपील करेगी।
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