यूपी पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान शूटआउट के चलते लखीमपुर खीरी जिला में नेपाल बॉर्डर पर एसटीएफ और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। घंटों चली मुठभेड़ के दौरान यूपी एसटीएफ की टीम ने दो साल से फरार चल रहे एक लाख के इनामी बदमाश बग्गा सिंह को मार गिराया। अपराधी के पास से पुलिस को देशी तमंचे, कारतूस भी बरामद हुआ है। बग्गा सिंह सिपाही की हत्या कर साथी को पुलिस लॉकअप से छुड़ा ले गया था। पुलिस को सालों से इसकी तलाश थी। बग्गा सिंह लूट, अपहरण, रंगदारी, हत्या के कई मामलों में वांछित चल रहा था। मारा गया बदमाश बग्गा सिंह भेष बदलकर रह रहा था।
बग्गा को आजीवन कारावास की सुनाई गई थी सजा
बता दें कि 23 जनवरी 2015 को कचहरी में पेशी के दौरान हिरासत से भागने के एक माह बाद ही सिपाही की हत्या कर एक और मुजरिम को छुड़ाने वाला 25 हजार का इनामी फरार कैदी सचिन गुप्ता उर्फ डालू चुधौरी गांव में कई घंटे चली मुठभेड़ में मारा गया था। इस दौरान कैदी बग्गा सिंह अपने दो अन्य साथियों के साथ फरार हो गया था। डालू 10 अगस्त, 2013 को लखीमपुर खीरी सीओ आफिस के पीछे से उस समय फरार हो गया था, जब उसे जिला पुलिस लखनऊ में इलाज के बाद जिला जेल ला रही थी।
बग्गा का साथी डालू तीन साल पहले ही मारा जा चुका है। उस पर भी हत्या, रंगदारी वसूलने, धमकी देने और कैदियों को पुलिस के कब्जे से छुड़ाने समेत 13 मुकदमे दर्ज हैं। इस मुठभेड़ में बग्गा सिंह पुलिस की घेराबंदी तोड़ कर बिहारीपुरवा की ओर निकल गया था। बग्गा तराई क्षेत्र का खूंखार अपराधी माना जाता था। बग्गा सिंह को फरवरी 2013 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। बग्गा सिंह कुख्यात अपराधी था। इन पर लखीमपुर जिला के निघासन, तिकोनिया, धौरहरा, सिंगाही और लखीमपुर के साथ कई थानों मे लूट, डकैती, फिरौती, रेप और हत्या जैसे कई अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। फ़िलहाल एसटीएफ की टीम इसे बड़ी कामयाबी मान रही है।