पूरे देश में 15 जनवरी सेना दिवस मनाया जाता है। आज भारतीय सेना अपना 70वां सेना दिवस मना रही है। इस उपलक्ष में भूत पूर्व सैनिक संघ ने लखनऊ में एक बाइक रैली का आयोजन किया। इस बाइक रैली में पुरुष और महिलाओं ने बाइक राइडिंग की। बाइक रैली की शुरुआत गोमती नगर स्थित 1090 चौराहे से हुई।
वीमेन पॉवर लाइन से बाइक रैली फन मॉल, वेव सिनेमा, मनोज पांडेय चौराहा, एसआरएस मॉल, जनेश्वर मिश्र पार्क, अंबेडकर पार्क, VIP गेस्ट हाउस, कैंट होते हुए अंसल गोल्फ सिटी शहीद पथ पर खत्म हुई। यहां से बाइक राइडर को सम्मान स्वरूप सर्टिफिकेट संघ के अध्यक्ष द्वारा दिया गया।
भूत पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष में मेजर आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि भारतीय सेना के गौरवपूर्ण इतिहास के संबंधित जानकारी भी सभी को समारोह के दौरान उपलब्ध कराई गई। समारोह में संघ के प्रदेश महासचिव दिनेश यादव और अध्यक्ष नीलमथा सूबेदार कुशवाहा ने भी अपने तजुर्बे से सेना की विविध जानकारी से उपस्थित लोगों को अवगत कराया। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन किया गया।
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इसलिए मनाया जाता है सेना दिवस
भारतीय सेना इस दिन पूरी तरह से आजाद हो गई थी और सेना की कमान पहली बार एक भारतीय को सौंप दी गई थी। आज से 70 साल पहले यह कमान कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (केएम करिअप्पा) को दी गई थी। उन्होंने कई साल भारत का नेतृत्व किया। भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (K.M Cariappa) थे।
उन्होंने साल 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व भी किया। सेना दिवस प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को प्रथम फील्ड मार्शल केएम करियप्पा की याद में मनाया जाता है, जो भारतीय सेना के सर्वप्रथम कमांडर-इन-चीफ बनें। इन्होंनेे सन् 1949 में सर फ्रान्सिस बूचर से कमाण्डर-इन-चीफ का पद ग्रहण किया था। सेना दिवस के अवसर पर सेना उन बहादुर जवानों को सलामी देती है, जिन्होंने अपने जीवन को देश की रक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया था।
महिला जवानों के लिए खास है सेना दिवस
भारतीय सेना एक बहुत बड़े बदलाव की तैयारी में है। इसलिए 2018 का सेना दिवस महिला जवानों के लिए खास है। जल्द ही महिला फौजियों को भी जंग के मोर्चे पर भेजा जाएगा। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी इस बात पर मुहर लगा चुके हैं। इसकी शुरुआत सेना पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति के साथ होनी है। इसे सेना में लैंगिक समानत की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान कई बार महिलाएं आतंकियों की ढाल बनकर सामने आ जाती हैं। इनसे निपटने के लिए भी सेना पुलिस में महिलाओं की जरूरत है। इस योजना के तहत सेना पुलिस में करीब 874 महिलाओं को शामिल किया जाएगा और 52 महिला जवानों को हर साल शामिल करने की योजना है। महिला कर्मियों को इसी साल क्रमिक तौर पर कश्मीर की घाटी में तैनात किया जा सकता है।