उत्तर प्रदेश में चुनाव समाप्त होने के बाद ही बोर्ड की परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हो गईं। इस परीक्षा में करीब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के करीब 60 लाख बच्चे भाग ले रहे हैं।
- परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की है।
- लेकिन प्रशासन की इस व्यवस्था को कई जिलों में सेंटरों पर शिक्षक मुंह चिढ़ाते दिखे।
- परीक्षा केंद्रों पर चाक चौबंद व्यवस्था के बाद भी धड़ल्ले से नकल होती दिख रही है।
धड़ल्ले से चल रही थी नकल
- कौशाम्बी में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं जिले के 112 परीक्षा केन्द्रों पर शुरू हुई।
- यहां इस साल हाईस्कूल के 27 हजार 378 और इंटरमीडियट के 16 हजार 509 छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे।
- कौशाम्बी के 37 अति संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों में नकल रोकने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक तैनात किये गए हैं।
- राजधानी के मलिहाबाद इलाके के गढ़ी जिन्दौर स्थित कुंवर आसिफ अली इण्टर कॉलेज में डीआईओएस ने छापेमारी की।
- उन्होंने नक़ल की संभावना को देखते हुए प्रधानध्यापक को हटाने के आदेश दिये।
- प्रधानाध्यापक अपने स्कूल के बच्चों को अलग बैठा के परीक्षा दिलवा रहे थे।
- पिछली बार भी यहां नकल पकड़ी गयी थी।
- केंद्र अधीक्षक हटाये गए थे लेकिन इस बार भी इस निजी स्कूल को सेंटर बना दिया गया।
- कानपुर देहात जिले में बोर्ड परीक्षा के पहले दिन नकल माफियाओं ने प्रशासन के नियमो की धज्जियां उड़ा दीं। डीआईओएस कार्यालय के नाम पर व नकल के नाम पर छात्रों से जिले के कई परीक्षा केंद्रों पर की धन उगाही की बात सामने आई।
- संत कबीर नगर जिले में 128 परीक्षा केंद्रों पर 66266 परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा दे रहे हैं। नकल को रोकने के लिए 4 सचल दल और 17 मजिस्ट्रेट बोर्ड परीक्षा की निगरानी करेंगे।हाईस्कूल के 37140 और इंटरमीडिएट के 29345 परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे।
- फर्रुखाबाद जिले में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 97 केंद्रों पर शुरू हुई। हाईस्कूल में 16794 लड़के और 12007 लड़कियां, इंटर में 10516 लड़के और 9112 लड़कियां परीक्षा में भाग ले रहीं हैं।