सरकारी नौकरी पाने के लिए अभ्यार्थी कड़ी मेहनत करते हैं. ऐसे में सरकारी विभागों में नियुक्ति से पहले इन अभ्यर्थियों से जिला अस्पताल में बना हुआ फिटनेस मेडिकल प्रमाण पत्र भी माँगा जाता है. लेकिन इस फिटनेस मेडिकल प्रमाण पत्र को बनवाने के लिए जब यह अभ्यार्थी जिला अस्पताल पहुँचते हैं तो उन्हें सारे टेस्ट देने के बाद भी उनसे सैकड़ों रूपए वसूले जाते हैं. ताज़ा मामला ताज नगरी आगरा का है जहाँ जिला अस्पताल में आज फिटनेस मेडिकल बनाने में खुलेआम रिश्वत लिए जाने का मामला सामने आया है.
विभागीय कर्मचारी वसूल रहे 200 से 400 तक रिश्वत
- यूपी के आगरा जिला अस्पताल में आज भ्रष्टाचार का बोल बाला देखने को मिला.
- बता दें की यहाँ स्वास्थ्य सेवाएं को कलंकित करते हुए फिटनेस मेडिकल बनाने में खुलेआम रिश्वत ली रही है.
- जिसका वीडियो भी हमारे कैमरे में कैद हुआ है.
- ऐसे में रिश्वत का पूरा खेल कैमरे में कैद होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है.
- बता दें जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुबोध कुमार के दफ्तर के बाहर ही फिटनेस मेडिकल कक्ष है.
- जहां फिटनेस के लिए आये अध्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिया जाता है.
- लेकिन विभागीय कर्मचारी इस प्रमाण पत्र के बदले अभ्यार्थियों से 200 से 400 तक की रिश्वत वसूल रहे हैं.
कैमरे में कैद हुआ रिश्वतखोरी का पूरा खेल-
- गौरतलब हो कि यहाँ हर दिन करीब 50 से 60 छात्र के मेडिकल इसी तरह बनाए जा रहे हैं.
- ऐसे में जब हमने इसकी पड़ताल की तो पूरा खेल कैमरे में कैद हो गया.
- कैमरे में साफ़ दिखाई दे रहा है कैसे अभ्यर्थियों से रिश्वत लेकर उनको फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं .
- दरअसल सरकारी विभागों में नियुक्ति से पहले अभ्यर्थियों से मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र मांगता है.
- जिसमें इस बात की ताकीद की जाती है कि प्रमाण पत्र जिला अस्पताल से बना हो.
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- जिला अस्पताल में भी प्रमाण को जारी करने से पहले अभ्यर्थी का नेत्र एवम् शारीरिक परीक्षण किया जाता है.
- इसके बाद फिट घोषित होंने के बाद ही उसे प्रमाण पत्र दिया जाता है.
- लेकिन प्रमाण पत्र की आड़ में जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार हो रहा है.
- फिटनेस मेडिकल में नेत्र एवं शारीरिक जांच कराने वाले अभ्यर्थियों से रिश्वत मांगी जाती है.
- आपको बताएं इस फिटनेस मेडिकल की सरकारी फीस मात्र 68 रु है.
- जिसके लिए अस्पताल को अभ्यर्थी को 68 रु की रसीद देना भी अनिवार्य है.
- मगर यहां कोई रसीद नहीं दी जाती और ना ही फिटनेस रिपोर्ट की कोई एंट्री ही की जाती है.