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वाराणसी: 20 की मौत 30 से अधिक घायल, लोगों ने बताया मौत का मंजर

Varanasi bridge accident: 20 killed more than 30 injured

Varanasi bridge accident: 20 killed more than 30 injured

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला के कैंट रेलवे स्टेशन के पास उस समय हड़कंप मच गया जब एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर कई टन बजनी पिलर कैंट रेलवे स्टेशन के पास सड़क पर गुजर रहे वाहनों पर गिर गया। इस हादसे में 30 से अधिक लोग घायल हो गए। उप्र के राहत आयुक्त संजय कुमार ने वाराणसी में निर्माणाधीन पुल ढहने से अभी तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि की है। एक महिला समेत 12 के शव निकाले जा चुके हैं। पुल की शटरिंग के लिए बने वजनी पिलर के नीचे रोडवेज बस, बोलेरो समेत कई दोपहिया वाहन दब गये।

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि आठ से 10 मोटरसाइकिल भी इसकी चपेट में आए हैं। अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जतायी है। एक दर्जन से अधिक घायलों को मंडलीय अस्पताल एवं बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। राहत कार्य में सेना के जवान व एनडीआरएफ की टीम लगी है। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मृतकों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। प्रशासन ने पुल गिरने के कुछ घंटे बाद ही कार्रवाई करके चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर केआर सूदन, सहायक अभियंता राजेश सिंह और अवर अभियंता लालचंद शामिल हैं।

सीएम ने 48 घण्टे में तलब की रिपोर्ट

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुल हादसे पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और घायलों को हरसंभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मृत लोगों के परिजनों को पांच लाख जबकि घायलों को दो-दो लाख रुपये की मदद देने का निर्देश दिया है। वहीं निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने के कारणों की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष कृषि उत्पादन आयुक्त आरपी सिंह होंगे। समिति में जल निगम और सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने समिति से 48 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य का निर्देश दिया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के अलावा राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी को तत्काल मौके पर भेजा।

देर रात सीएम योगी घटना स्थल पर पहुंचे

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने वाराणसी में पुल गिरने के मामले में सेतु निगम के चीफ़ प्रोजेक्ट मैंनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेन्द्र सिंह और के.आर सूडान को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही एक अन्य कर्मचारी लालचंद को भी सस्पेंड किया गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विट कर के दी। इन अधिकारियों पर आरोप हैं कि निर्माण के दौरान उन्होंने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। सभी अधिकारियों को जल्द ही आरोप पत्र दिये जाएंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घटनास्थल पर देर रात पहुंचे। सीएम ने पहले घटनास्थल पर जाकर चल रहे बचावकार्य का जायजा लिया। इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों से मिलने पहुंच गए।

राहत और बचाव कार्यों में जुटी कई टीमें

राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, पुलिस की कई टीमें जुटीं हैं। पुल की शटरिंग हटाने के लिए आधा दर्जन क्रेन भी पहुंच गईं हैं लेकिन वजनी पिलर टस से मस नहीं हो पा रहे हैं। मौके पर जमा भारी भीड़ के कारण भी राहत और बचाव कार्य में बाधा आई। कैंट और लहरतारा की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर यातायात रोक दिये जाने के बाद भी सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गये हैं। पहले से बने चौकाघाट फ्लाईओवर के विस्तारीकरण के तहत पिछले कई माह से कैंट-लहरतारा के बीच काम चल रहा है। फ्लाईओवर की सर्विस लेन से ही बनारस से इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं भदोही जिलों के लिए बसों और सामान्य ट्रैफिक का आवागमन होता है। इससे पुल का निर्माण भी धीमा है। हादसे के समय जाम भी लगा था।

अक्सर हर समय रहती है जाम की स्थित

कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा मंगलवार शाम करीब 5: 20 बजे गिर पड़ा। जिस रोड पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरा है, वह कई जिलों को बनारस से जोड़ती है। इस रोड से ही भदोही, इलाहाबाद के अलावा मिर्जापुर, सोनभद्र होते मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के लिए वाहनों का आवागमन होता है। इनमें यात्री वाहनों के अलावा व्यावसायिक वाहन भी होते हैं। वहीं राजघाट पुल से भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित होने के बाद गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ से चंदौली, बिहार और झारखंड जाने वाले बड़े वाहन भी कैंट-लहरतारा रोड से हाईवे पहुंचते हैं। इस नाते इस रोड पर छोटे व बड़े वाहनों का हमेशा दबाव रहता है। यहां अमूमन जाम की स्थिति रहती है।

अखिलेश यादव ने की ईमानदारी से जांच की मांग

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चौकाघाट फ्लाईओवर हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने इस घटना की सूचना मिलते ही ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि ‘मैं यहां योगी आदित्यनाथ सरकार सरकार से यह अपेक्षा करता हूं कि वाराणसी के इस हादसे में वह केवल मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागेगी। इस मामले में सरकार से पूरी ईमानदारी से जांच की भी अपेक्षा है। उम्मीद है कि सरकार ईमानदारी से इस हादसे की जांच करवायेगी।’ उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे लोग घटनास्थल पर बचाव दल का हर संभव सहयोग करें।

बाल-बाल बचे दो टेम्पो में बैठे यात्री व बाइक सवार

निर्माणाधीन लहरतारा फ्लाईओवर का बीम गिरते ही कैंट स्टेशन से लहरतारा तक अफरातफरी मच गई। हादसा करीब पांच बजे हुआ। डेढ़ घंटे बाद क्रेन पहुंची। क्रेन के सहारे बीम को हल्का सा उठाया गया। जानकारी के मुताबिक बीम के नीचे दो ऑटो भी दब गये लेकिन उसमें बैठे लोग बाल-बाल बच गए। उन्हें मामूली चोट लगी थी। दो बाइक भी दब गईं लेकिन बाइक सवार बच गए। मामूली रूप से घायल व्यक्तियों का लहरतारा स्थित रेलवे के मंडलीय अस्पताल में इंलाज कराया गया है।

चारों ओर मचा हाहाकार और चीख पुकार, गाड़ियां हुई चकनाचूर

वाराणसी में कैंट स्टेशन के सामने सड़क पर राजकीय निर्माण निगम फ्लाई ओवर का निर्माण करा रहा है। मंगलवार शाम को निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक पिलर गिर गया। ओवरब्रिज का पिलर गिरने के बाद चीख पुकार मच गई और अफरातफरी की स्थिति मौके पर बन गई। पिलर का एक हिस्सा गिरने से उसके नीचे कई लोग दब गए। कार में बैठे लोग भी पिलर की चपेट में आने से कार के साथ ही पिचक गए। घटनास्‍थल पर कई गाड़ियां, जिनमें बस, कई कारें और लगभग आधा दर्जन से ज्‍यादा मोटरसाइकिलें भारी भरकम पिलर के नीचे दबी हुई थी।

घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल व्‍याप्‍त था। लोगों में इस निर्माण के तरीके को लेकर भी गुस्‍सा देखने को मिल रहा था। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि घटनास्‍थल पर स्‍थानीय लोग, NDRF और पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। वाराणसी जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के आला अधिकारी घटनास्‍थल पर पहुंच गये थे। रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन शुरू कर लोगों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव का कार्य देर रात तक जारी था। घटनास्‍थल का नजारा बड़ा ही वीभत्‍स है।

हादसे में घायल शकील ने बताई आपबीती

चेतगंज निवासी मोहम्मद इस्लाइल मुर्गा कारोबार से जुड़े हैं और रोज की तरह बस में बैठकर लंका से कैंट की ओर आ रहे थे। इस्माइल बस में आगे बैठे थे। इस्माइल बताते हैं, “अचानक कोई बड़ी चीज़ बस पर आ गिरी। जब तक हम कुछ समझ पाते, चारों ओर अंधेरा और चीख-पुकार मचने लगी।” इस्माइल के सिर, पैर और हाथ में गंभीर चोट आई हैं। जैतपुर शक्कर तालाब निवासी मोहम्मद शकील फूल माला बेचने का काम करते हैं और अपना काम निपटाकर घर लौट रहे थे।

शकील का कहना है कि वो मौत के मुंह से बच निकले हैं। शकील ने बताया, “नसीरुद्दीन बाइक चला रहे थे और मैं उनके पीछे बैठा था। हम घर लौट रहे थे। हमारी बाइक बाउंड्री के पास सटी थी, इसीलिए बच गए। गार्टर के नीचे कई लोगों की जान फंसी थी।” शकील और नसीर घायल हैं और उन्हें करीबचौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नदेसर निवासी रिंकू भी उन लोगों में शामिल हैं जो उस वक्त घटनास्थल से गुजर रहे थे और इसकी चपेट में आ गए। रिंकू अपने ससुर को नई कार में बिठाकर घर लौट रहे थे। रिंकू ने बताया, “कुछ ही देर पहले मैंने अपने चालक को पीछे बैठने को कहा था और खुद गाड़ी चलाने लगा। तभी ये हादसा हो गया।”

तीसरे मंगलवार को थी बेतहासा भीड़

जेठ माह के तीसरे मंगलवार को कैंट रेलवे स्टेशन के चारों ओर बेतहाशा भीड़ थी। भीड़ में बनारस के लोग थे, बाहर से आए श्रद्धालु थे और बीएचयू में चल रही प्रवेश परीक्षा के अभ्यर्थी और उनके अभिभावक भी। जाम और वाहनों का शोर यहां आम दिनों से ज्यादा था। कैंट रेलवे स्टेशन से करीब सौ मीटर आगे उप्र सेतु निगम चौका घाट से कैंट रेलवे स्टेशन होते हुए लहरतारा तक जाने वाले फ्लाईओवर का काम करवा रहा था। शाम साढ़े पांच बजे फ्लाईओवर के पिलर को जोड़ने वाली भारी भरकम प्री-कॉस्ट बीम (स्लैब) वहां से गुजर रहे वाहनों पर गिर गई। दो कारें, दो बोलेरो, एक मिनी बस और दो ऑटो बीम के नीचे पिस गए। इनमें सवार ज्यादातर लोग जान बचाने की गुहार तक नहीं लगा पाए।

आईजी ने की 20 मौतें होने की पुष्टि

धूल का पहला गुबार छंटते ही प्रत्यक्षदर्शी और गाड़ियों में फंसे लोग मदद के लिए चिल्लाने लगे। कैंट स्टेशन के सामने तैनात पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन गर्डर को हिला पाना उनके बस में नहीं था। लोगों को न बचा पाने की टीस लिए आधे घंटे तक लोग इधर-उधर दौड़ते रहे लेकिन सब असहाय थे। 35 मिनट बाद एनडीआरएफ के 250 जवानों, सेना व ऐम्बुलेंस ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। देर रात आईजी वाराणसी रेंज पीवी रामाशास्त्री ने 20 मौतें होने की पुष्टि की। वहीं, घटनास्थल पर पहुंचे डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने बताया कि हादसे में 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

जान बचाने की कोशिश में कई लोग गिरकर घायल

जानकारी के मुताबिक, कैंट रेलवे स्टेशन के पास महीनों से बन रहा ओवरब्रिज का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार शाम को अचानक जमीन पर आ गिरा। ओवर ब्रिज का हिस्सा जमीन पर गिरते ही नीचे मौजूद लगभग 30 लोग इसके मलबे में दब गए। इस दौरान भागादौड़ी और जान बचाने की कोशिश में कई लोग इस दौरान गिरकर घायल भी हो गए। काफी भीड़ भरे क्षेत्र में अचानक हुए इस हादसे में भगदड़ मचने के बाद मौके पर पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला और लोगों को सुरक्षित करने के प्रयास में जुट गए। हादसे की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय नागरिक भी सहयोग में आगे आए और ओवरब्रिज गिरने के बाद नीचे फंसे वाहन और उसमें मौजूद लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे।

इलाके का बदला गया यातायात

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के सामने सड़क पर बन रहे फ्लाई ओवर का पिलर गिरने के कई लोगों के दबने के बाद यातायात भी दोनों तरफ का बाधित हो गया तो काफी लंबी दूरी तक जाम की स्थिति भी बन गई। लोगों को बचाने के साथ ही पुलिस यातायात को सुचारु रूप से संचालित करने में व्यस्त हो गई। पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गई। सपा शासनकाल से बनना शुरु हुआ यह ओवर ब्रिज चौकाघाट स्थित बस स्टैंड से लहरतारा तक विस्तार किया जा रहा था।

क्योटो की तर्ज पर विकसित करने का खाका हो रहा तैयार

आपको बता दे कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और बीजेपी यहां लगातार विकास करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आती है। लोकसभा चुनाव 2014 में वाराणसी से जीत हासिल करके सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी को क्योटो बनाने का वादा किया। इस वादे के तहत पीएम ने वाराणसी को 21वीं सदी के लिए मॉर्डन स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद करते हुए शहर को जापान की धार्मिक राजधानी क्योटो की तर्ज पर विकसित करने का खाका तैयार किया।

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