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यूपी सरकार का तीसरा आम बजट 2019-20 विधानमंडल में पेश

Chief Minister Yogi Adityanath and Finance Minister Rajesh Agarwal Open Budget Briefcase

Chief Minister Yogi Adityanath and Finance Minister Rajesh Agarwal Open Budget Briefcase

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने आज अपना तीसरा बजट विधानमंडल में गुरुवार सुबह 11 बजे पेश किया। साल 2019-20 के इस बजट पर बुधवार को वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने हस्ताक्षर किया था। प्रदेश के इतिहास में करीब पांच लाख करोड़ रुपये (4,79,701.10 करोड़) का यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। प्रस्तुत बजट का आकार 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये का है, जो वर्ष 2018-19 के सापेक्ष 12 प्रतिशत अधिक है। बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं। इस बजट से सरकार प्रदेश में विकास कार्यों को रफ्तार देगी, वहीं आम जनता की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश भी की गई है। यह बजट 4.84 लाख करोड़ के आसपास है। मौजूदा साल का बजट 4.28 लाख करोड़ का था। केंद्र सरकार की तरह इस बजट का फोकस बिंदु महिलाएं, कामगार, किसान और गोवंश संरक्षण हो सकता है। पर्यावरण संरक्षण पर भी नई योजनाएं लाए जाने की चर्चाएं हैं। बजट में वित्तीय अनुशासन का पूरा पालन करने की कोशिश की गई है। यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं। दिल्ली पहुंचने के लिए यूपी से होकर जाना पड़ता है। बीजेपी की कोशिश है कि वह अपने 2014 वाले नतीजों को फिर से दोहराए। प्रदेश सरकार और केंद्र की योजनाओं को एक-दूसरे के बजट में सहयोग देकर वोटरों को अच्छा संदेश देने की कोशिश भी की जा रही है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]योगी सरकार का बजट[/penci_blockquote]
योगी सरकार की कोशिश है कि इस बजट में सरकार का फोकस सामाजिक, कृषि और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर रहे। यह बजट करीब 5 लाख करोड़ रुपये का है, जब प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा है। इस बजट से सरकार प्रदेश में विकास कार्यों को रफ्तार देगी, वहीं आम जनता की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश भी की गई है। उत्तर प्रदेश में एससी कैटिगरी के लोगों की संख्या भी सबसे ज्यादा (प्रदेश की अबादी की 21 प्रतिशत) है। ऐसे में इस सेक्शन के लोगों के लिए बजट में करीब 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। ऐसे में केंद्र सरकार की इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश को ही होगा। उत्तर प्रदेश में गैर-संगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों या कारीगरों की संख्या साढ़े चार करोड़ से भी ज्यादा है। इस मेसेज के जरिए न सिर्फ यूपी के स्थानीय कारीगरों के बीच, बल्कि बाहर से आकर काम करने वाले वर्कर्स के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मोदी का बजट [/penci_blockquote]
आम बजट के सभी बड़े ऐलानों का सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश को ही होने वाला है। गरीब किसानों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। ऐसे में केंद्र सरकार की गरीब किसानों को 6 हजार रुपये वार्षिक तौर पर मिलने वाली योजना का सबसे ज्यादा लाभी उत्तर प्रदेश को होगा। केंद्र सरकार राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना का ऐलान किया है। इसके लिए 750 करोड़ रुपये शुरुआती बजट रखा गया है। लंबे समय से गोरक्षा जैसे मुद्दें के कारण उत्तर प्रदेश चर्चा का केंद्र रहा है। प्रदेश सरकार भी गायों को लेकर कई कार्यक्रम चला रही है। गैर-संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए केंद्र सरकार ने अपने बजट में बड़ ऐलान किया था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]योगी का मोदी बजट [/penci_blockquote]
योगी सरकार के पूर्व के दो बजट भी केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजटों का ही एक्सटेंशन माने जाते रहे हैं। दिसंबर में योगी सरकार ने करीब 8 हजार करोड़ रुपये का सप्लिमेंटरी बजट पेश किया था, इसमें से 5 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए रखा गया था। इसमें सबसे ज्यादा राशि 3600 करोड़ रुपये प्रदेश के इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए और 2300 करोड़ रुपये राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के लिए दिए गए थे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बेटियों की फिक्र दिखी[/penci_blockquote]
इस बजट में महिलाओं के लिए ऐसी योजना लाने की तैयारी है जिसका लाभ सभी परिवारों को मिले। भाजपा के संकल्प पत्र में शामिल भाग्यलक्ष्मी योजना को पूरा करती हुई नई योजना लाने की चर्चाएं भी हैं। संकल्प पत्र में प्रत्येक गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 50 हजार रुपये का बांड देने का जिक्र है। बेटी के कक्षा छह में पहुंचने पर तीन हजार रुपये, कक्षा आठ में पहुंचने पर पांच हजार, 10 में पहुंचने पर सात हजार और कक्षा 12 में पहुंचने पर आठ हजार रुपये दिए जाने की बात कही गई है। बेटी जब 21 वर्ष की होगी उस समय उसे एकमुश्त दो लाख रुपये देने की बात कही गई थी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]गोवंश संरक्षण पर फोकस[/penci_blockquote]
बजट के माध्यम से छुट्टा गोवंश के संरक्षण और डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने की नई योजनाएं लाने की चर्चाएं हैं। किसानों की फसलों को नुकसान से बचाते हुए छुट्टा गोवंश का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता में है। नए गोशाला निर्माण की योजनाओं को इस बजट से गति देने की तैयारी है। डेयरी उद्योगों को बढ़ावा देने का इंतजाम भी बजट में दिखेगा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एक्सप्रेस-वे को रफ्तार[/penci_blockquote]
2019-20 के इस बजट से प्रदेश सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, डिफेंस कॉरिडोर जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को गति देगी। इसके साथ ही प्रस्तावित प्रयागराज-मेरठ एक्सप्रेस वे के लिए भी धनावंटन होगा। इन योजनाओं के साथ ही सड़कों और नये पुलों के लिए पर्याप्त धनावंटन इस बजट में रहने का अनुमान है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]किसानों को तकनीकी से जोड़ने की तैयारी[/penci_blockquote]
केंद्र सरकार की तरह प्रदेश सरकार भी अपने इस बजट से किसानों को कुछ और सहुलियतें दे सकती है। किसानों को तकनीकी खेती से जोड़ने का इंतजाम बजट में हो सकता है। अनुदान पर किसानों को कृषि से संबंधित आधुनिक उपकरण मुहैया कराने के साथ ही उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराने पर सरकार का फोकस हो सकता है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]केंद्रीय योजनाओं को रफ्तार[/penci_blockquote]
बजट में केंद्र सहायतित योजनाएं खासकर प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत अभियान, उज्जवला, पेयजल मिशन आदि के मद में राज्य सरकार अपने हिस्से की अधिकाधिक धनराशि इस बजट से दिया जा सकता है। केंद्रीय योजनाओं के अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना, ग्रामीण पेयजल योजनाओं तथा प्रदेश सरकार की अन्य योजनाओं के लिए भी बड़ी धनराशि का इंतजाम रहने की उम्मीद है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों पर भी फोकस[/penci_blockquote]
प्रदेश सरकार इस बजट में भी काशी, मथुरा, अयोध्या के साथ ही धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास को इस बजट के माध्यम से गति दे सकती है। ब्रज के लिए नई योजनाएं हो सकती हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत प्रमुख शहरों के हवाईपट्टियों को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने की योजना पर भी सरकार का फोकस हो सकता है। जेवर एयरपोर्ट के लिए और धनराशि इस बजट से दिए जाने का प्रबंध है।

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