उत्तर प्रदेश में शुक्रवार रात नैशनल हाइवे-91 स्थित बुलंदशहर बाइपास पर कार सवार नोएडा की महिला और उनकी बेटी से गैंगरेप की सनसनीखेज घटना से अखिलेश सरकार निशाने पर है। पुलिस पर दबाव बना हुआ कि जल्दी ही आरोपियों को पकड़ा जाए।
यूपी पुलिस ने इस मामले में हालांकि 15 लोगों को हिरासत में लेकर मुख्य आरोपी की पहचान का दावा किया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। डीजीपी जावीद अहमद ने आश्वासन दिया कि अपराधियों को जल्दी ही पकड़ा जायेगा। वहीँ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से मिलने का बात कही है।
- शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि गिरोह आसपास के ही इलाके का है और पिछले करीब तीन महीनों से लगभग एक ही तरीके से वारदात कर रहा है।
- यह गैंग ‘एक्सल गैंग’ के नाम से इलाके में कुख्यात है। इन तीन महीनों में गिरोह ने डकैती और लूटपाट के दौरान रेप की कई वारदात की हैं।
हालांकि, उन मामलों में रेप की परिवार वालों की तरफ से रिपोर्ट नहीं लिखवाई गई है, जिसके कारण इस गिरोह की राह आसान हो गई।
- गिरोह को इलाके में ‘एक्सल गैंग’ के नाम से जाना जाता है। ‘एक्सल’ नाम इस गिरोह को इसलिए दिया गया है, क्योंकि ये बदमाश साइकल के पिछले पहिये के गियर वाला लोहे का चक्का हाइवे पर सुनसाना इलाकों में चलती गाड़ियों पर फेंकते हैं।
- लोहे की भारी चीज होने के चलते गाड़ी पर गिरने के बाद तेज आवाज आने और फिर इसके सड़क पर गिरने के चलते गाड़ी का एक्सल टूट कर गिरने जैसी आवाज आती है।
इस गिरोह ने गौतमबुद्ध नगर के जेवर और रबूपुरा इलाके समेत आसपास के जिलों में कई वारदातों की हैं। पुलिस अभी भी इन तक पहुँच पाने में नाकाम रही है लेकिन बुलंदशहर में जिस तरीके से घटना को अंजाम दिया गया शक की पहली सुई एक्सल गैंग पर ही जाकर रूकती है। ऐसे में देखना है कि पुलिस क्या इस खतरनाक गैंग को पकड़ने में कामयाब हो पाती है।