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जज लोया मामले पर सीएम योगी ने कहा राहुल गांधी देश से मांगे माफ़ी

CM yogi becomes the most popular CM on Facebook

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विधान सभा के सेंट्रल हाल में सभी भाजपा विधायकों को एमएलसी निर्वाचन का सर्टिफिकेट दिया गया। जिसमें बीजेपी के 10 और अपना दल से आशीष पटेल निर्वाचित हुए। वहीं सपा से नरेश उत्तम और बसपा से भीमराव अंबेडकर एमएलसी निर्वाचित हुए। इस दौरान सीएम योगी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया के संबंध में फ़ैसला दिया है। जिसने कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया है। जस्टिस की मौत स्वाभाविक है। इस वाद को बदले की भावना से दाखिल किया गया था। षड्यंत्र के तहत इस याचिका को डाला गया था। सीएम योगी ने कोर्ट के आदेश का स्वागत किया।

राहुल गाँधी पर बोला हमला-

राहुल ने कुछ सांसदों के तहत एक ढोंग किया गया।

याचिका को राजनैतिक स्वार्थ की वजह से लगाया गया।

अदालत में शाजिस के चलते इस याचिका को दाखिल किया गया था।

राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मिलकर राजनैतिक ढोंग किया।

कांग्रेस ने कोर्ट और अमित शाह को बदनाम करने के किये षड्यंत्र किया था।

एक बार फिर सत्य की जीत हुई।

जज़ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने साबित कर दिया कि भाजपा को बदनाम करने के लिए ये साजिश की गई।

राहुल गांधी ने साजिश की और देश का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया।

देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।

कांग्रेस और राहुल को देश की जनता से माफी मांगनी च हिये

राहुल गांधी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

राहुल गांधी को जमीनी स्तर किं राजनीति करनी चाहिए।

कांग्रेस को लगता है कि सिर्फ शासन करने का उसे ही अधिकार है।

कांग्रेस किसी और को ऊँचे पदों पर बैठे नही देख सकती है।

हमारी मांग है कि कांग्रेस और राहुल गांधी को इस सम्पूर्ण प्रकरण पर माफी मांगनी चाहिए।

कुछ अधिवक्ताओं ने भी अपने पेशे के साथ खिलवाड़ की है।

कुछ लोगों ने p i l की परिभाषा बदल दी है।

कुछ वकीलों ने इस मामले में अपने पेशे के साथ न्याय नहीं किया।

PIL को पर्सनल इंटरेस्ट लिटिगेशन बना दिया है कुछ लोगों ने।

कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूँ।

जज लोया मर्डर केस में SIT जांच की मांग वाली याचिका खारिज

सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में कोई जांच नहीं होगी, केस में कोई आधार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार जजों के बयान पर संदेह का कोई कारण नहीं है. उनके बयान पर संदेह करना संस्थान पर संदेह करना जैसा होगा. कोर्ट ने कहा कि मामले के जरिए न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

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