यूपी के अमेठी जिला में एक ऐसा नजारा सामने आया हैं जो योगी सरकार के सभी वादों को झुठलाने का कहानी बयां करता है। जिसने पुलिस-प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं यूपी सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त है और योगी सरकार की तरफ से पुलिस अमले को पारदर्शिता बरतने हिदायत दी भी गई है। फिर भी खाकी की कार्यशैली में बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। इससे ये साफ हो गया है कि सूबे में सत्ता भले ही बदल गई हो, लेकिन कुछ भ्रष्ट पुलिसवाले जस के तस हैं। सीएम योगी खाकी को सुधारना चाहते हैं लेकिन कुछ पुलिसवालों को घूस की ऐसी लत लगी है कि छूटने का नाम नहीं ले रही है। अब सवाल इस बात का है थानों और चौकियों में तैनात पुलिसकर्मी रिश्वत न मांगे और विभाग में भ्रष्टाचार न हो इसके लिए रोडमैप कैसे तैयार होगा?
जानकारी के मुताबिक, अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के गाँव आजमगढ़ निवासी लल्लन सुत दलबीर का आरोप है कि उनके घर के आंगन में स्थित एक नीम के पेड़ की टहनी को उन्होंने इसलिए काट दिया। क्योंकि वह डाल घर से बाहर की निकल रही थी। इससे जंगली जानवर सहित चोर उचक्कों का भय बराबर बना रहता था। जब इसकी जानकारी थाने में तैनात आरक्षी तेज़ बहादुर को हुई। तो तेज बहादुर ने उसे पकड़ लिया और हरा पेड़ काटने के आरोप में जेल भेजने की धमकी दी। जिसके एवज में आरक्षी ने घूस की मांग कर उसे धमकाया। वह डर गया और 2000 हजार रुपये दे दिए। जब इस मामले की जानकारी जब लल्लन के शुभचिंतको को हुई तो उन्होंने आरक्षी तेज बहादुर को घूस के तौर पर लिए रुपये को वापस करने करने की बात कही। आरोप है कि इसके जबाब में आरक्षी तेज बहादुर ने रुपये एसओ साहब के पास होने की बात कही।
वीडियो वायरल होने के बाद आरक्षी निलंबित
इस घटना का ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद पुलिस महकमे हड़कम्प मच गया और आरक्षी तेज बहादुर को उच्चाधिकारियों ने निलंबित कर दिया। मामला चाहे जो भी लेकिन जनता तमाम समस्याओं के बावजूद इस फैसले से खुश है कि अब भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी लेकिन जब तक ऐसे रिश्वतखोर आरक्षी और ऐसे तमाम घूसखोर लोग रहेगे तब तक देश की तरक्की और उन्नति होना मुमकिन नहीं लगता।