सारी दुनिया का बोझ उठाने वाले कुलियों ने रेलवे में नौकरी की मांग को लेकर शुक्रवार 7 सितंबर को पूरे देश में रेल रोको अभियान चलाया। इसका असर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित राजधानी लखनऊ में भी देखने को मिला। कुलियों की मांग है कि उन्हें रेलवे में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के पद पर स्थाई नौकरी दी जाये। कुलियों के देशव्यापी आंदोलन के चलते यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
हाथरस में कुलियों ने रेल रोको आंदोलन अभियान चलाया। कुलियों ने 4th क्लास में भर्ती न होने पर रेलवे ट्रैक पर चक्का जाम किया। यहां करीब 12000 हजार कुलियों ने दिल्ली-हाबड़ा रेलवे ट्रैक को जाम कर प्रदर्शन किया। कुलियों ने जम्मूतवी और राजधानी ट्रेनें रोकी। मौके पर पहुंची रेलवे पुलिस और ASP, CO, सभी कुलियों को मानाने में जुटे थे।
रेलवे कुली राष्ट्रीय महासंघ के अध्यक्ष फतेह मोहम्मद ने बताया कि आधुनिक दौर में पहिया लगे सूटकेश और अन्य सामान के कारण कुलियों का बचा खुचा धंधा भी चौपट हो गया है। इसके चलते उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। लखनऊ के चारबाग और जंक्शन स्टेशन पर करीब 400 कुली कार्यरत हैं। वर्ष 2008 में केन्द्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उनकी सुधि ली थी और उनके प्रयास से कुछ कुलियों को लाइन मैन की नौकरी मिल गयी थी। मगर उसके बाद सरकार ने उनसे मुंह फेर लिया।
फतेह मोहम्मद ने बताया कि उनकी रेलवे प्रशासन और सरकार से मांग है कि कुलियों की माली हालत के मद्देनजर उन्हे एक बार फिर लाइनमैन अथवा इसके समकक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी दी जाये। जिससे उनका परिवार भुखमरी और बदहाली का जीवन छोडकर आमजन की तरह जीवन व्यतीत कर सके। इसके लिये उन्होने एक पत्र रेलवे बोर्ड के चेयनमैन को लिखा है और उनसे इस संवेदनशील विषय पर गंभीरता से निर्णय लेने का आग्रह किया है। कुली संघ के नेता ने कहा कि अगर सरकार इस दिशा में कोई कदम नही उठाती है तो कुली कल से चरणबद्ध तरीके से रेल रोको आंदोलन करेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और रेलवे प्रशासन की होगी।
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