उप्र में आदर्श आचार संहिता लागू होते हुए भी 2 लाख दलित बेसिक शिक्षकों का सातवां वेतनमान के नाम पर वेतन फ्रीज कर रिवर्ट करने का षड्यंत्र किये जाने से दलित शिक्षक भड़क गए हैं शिक्षकों का आरोप है कि एक आरक्षण विरोधी संगठन के दबाव में कुछ आरक्षण विरोधी उच्चाधिकारी षड्यंत्र कर रहे हैं।
- इसका संघर्ष समिति पर्दाफाश करेगी और किसी भी हाल में रिवर्शन व वेतन फ्रीज की कार्यवाही नहीं होने देगी।
रिवर्ट करने की साजिश का आरोप
- उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में सातवां वेतनमान लागू किये जाने के नाम पर प्रदेश के सभी जिलों में लगभग 2 लाख दलित बेसिक शिक्षकों का वेतन फ्रीज करने के बहाने प्रदेश में आचार संहित लागू होते हुए भी उनको रिवर्ट करने की साजिश की जा रही है।
- जबकि यह सभी दलित शिक्षक बैकलाग पदोन्नति की धारा-3(2) के तहत सहायक अध्यापक से प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक के पद पर पदोन्नति पाये हैं।
- ऐसे में नियमानुसार इन सभी दलित शिक्षकों को न तो रिवर्ट किया जा सकता है और न ही इनका वेतन फ्रीज किया जाना है।
- दलित शिक्षकों को रिवर्ट कराने के लिये एक आरक्षण विरोधी संगठन के दबाव में बेसिक शिक्षा के कुछ उच्चाधिकारी जिलों में दबाव बनाकर रिवर्शन की सूची तैयार करवा रहे हैं।
- इसके विरोध में मंगलवार को दलित शिक्षकों की एक आवश्यक बैठक हुई।
- इस बैठक में गलत कार्यवाही के विरोध में आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए यह तय किया गया है कि यदि दलित शिक्षकों को आचार संहिता के दौरान रिवर्ट किया गया तो उसी क्षण प्रदेश के सभी लाखों दलित शिक्षक कार्य बहिष्कार व हड़ताल पर जाने के लिये बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।
दलित शिक्षकों ने दी आन्दोलन की चेतावनी
- आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यूपी के बेसिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारियों को संघर्ष समिति द्वारा अनेकों बार यह अवगत कराया जा चुका है कि उप्र में पदोन्नति पाये लगभग 95 प्रतिशत दलित शिक्षक बैकलाग पदोन्नति की धारा-3(2) के तहत प्रोन्नति पाये हैं, जो सुप्रीम कोर्ट आदेश की परिधि में नहीं आते हैं।
- अनेकों बार दो पक्षीय वार्ता में यह आम सहमति बनी कि किसी भी दलित शिक्षक को न तो गलत रिवर्ट किया जायेगा और न ही उनका वेतन फ्रीज होगा।
- इसके बावजूद भी आरक्षण विरोधी एक संगठन के दबाव में इस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है।
- इससे पूरे राज्य के लाखों दलित शिक्षकों में काफी रोष व्याप्त है।
- प्रदेश के सभी दलित शिक्षकों को संघर्ष समिति की तरफ से यह निर्देश भेज दिये गये हैं कि किसी भी जिले में वेतन फ्रीज व रिवर्शन की कार्यवाही हुई तो उसी क्षण पूरे प्रदेश के दलित शिक्षक आन्दोलन के रास्ते पर जायेंगे और जरूरत पड़ी तो हड़ताल के रास्ते पर भी अग्रसर होंगे।