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संभल: जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण से स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल

District Magistrate surprise inspection government hospital

District Magistrate surprise inspection government hospital

आज संभल जिले के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जिलाधिकारी के औचक निरिक्षण से स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया. निरीक्षण के दौरान पैथोलॉजी में मरीजो से खून जाँच के नाम पर 30 रु लिए जाने की मरीज ने जिलाधिकारी से शिकायत की. मरीज की शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने एलटी राकेश कुमार को सस्पेंड कर दिया. वहीं गर्भवती महिलाओं को नास्ता और भोजन नहीं दिए जाने की जानकारी पर भी नाराजगी व्यक्त की. 

दवाई से लेकर खून की जांच तक में गरीब मरीजों से हो रही पैसों की उगाही:

सरकार चाहे कितने भी दावे करें लेकिन सरकार की हर योजनाएं भ्रष्टाचारी कर्मचारियों की भेंट चढ़ जाती हैं. सरकार जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए हर तरह के संभव प्रयास कर रही है, लेकिन जनता तक सरकार के ये लाभ नहीं पहुँच पाते.

ऐसा ही मामला जनपद संभल के स्वास्थ्य विभाग पंवासा का है, जहां पर दवाई से लेकर खून की जांच तक गरीब जनता से पैसों की उगाही का मामला सामने आया है.  जिस गरीब जनता के पास अपने एक वक्त के खाने के लिए पैसा नहीं हो पा रहा, उसी गरीब से 50 हजार से लेकर 1 लाख तक वेतन लेने वाले कर्मचारी 30 से  40/50 रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं.

जिला अधिकारी ने आज औचक निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल में अपनी जांच खुद कराकर मशीनों की विश्वसनीयता को जानना चाहा. वहीं अपना ब्लड प्रेशर भी चेक कराया. साथ ही आंखों की भी जाँच करवाई.

जिला अधिकारी आनन्द कुमार सिंह ने किया औचक निरीक्षण:

संभल जनपद के जिला अधिकारी आनन्द कुमार सिंह ने आज पंवासा के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। जिला अधिकारी की गाड़ी देखते ही सरकारी अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. कर्मचारी सब कुछ ठीक करने में जुट गए लेकिन फिर भी जिला अधिकारी की कार्रवाई से नहीं बच सके और एक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो गई।

जिला अधिकारी आनन्द कुमार सिंह ने औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य विभाग की हकीकत को जानना चाहा तो सरकारी अस्पताल में मरीजों से अवैध वसूली का खेल खुलता नजर आया।

लैब टेक्नीशियन को किया निलंबित:

महिला बार्ड में भर्ती गर्भवती महिला के पति ने जिला अधिकारी को बताया की सरकारी अस्पताल में ब्लड जांच के नाम पर लैब टेक्नीशियन राकेश जमकर अवैध वसूली करता है. उससे भी जांच के नाम पर तीस रुपये लिए गए हैं जबकि सरकार मरीजों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं देने का दम भर रही है.

क्या ऐसे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने देंगे. लैब टेक्नीशियन के खिलाफ जिलाधिकारी ने जनपद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अमिता सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने के निर्देश दिए।

अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को नहीं मिलता खाना:

जिला अधिकारी के निरीक्षण में वार्ड में भर्ती गर्भवती महिलाओं को भोजन के नाम पर भी कुछ नही दिया जा रहा था. जिसकी पोल महिला वार्ड में भर्ती गर्भवती महिलाओं ने जिला अधिकारी के सामने खोल दी. उन्होंने बताया कि यहां पर किसी भी गर्भवती महिला को सरकारी अस्पताल दृवारा कुछ भी खाने को नही दिया गया.

अनुपस्थित कर्मचारियों की कटेगी सेलेरी:

महिलाओं के साथ आए परिजनों ने बताया कि मरीजों के लिए वे खाना बाहर से खरीद कर लाते हैं और दवा भी बाहर से खरीदकर ला रहे है.  जिसके बाद जिला अधिकारी आनन्द कुमार सिंह का पारा चढ़ गया.

सरकारी अस्पताल में पोस्टड कर्मचारियों की उपस्थिति भी चैक की जिसमें दो कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए, जिनके खिलाफ कार्यवाही के लिए उपस्थित रजिस्टर अपने साथ ले गए।

जिला अधिकारी के निरीक्षण से एक बात साफ जाहिर हुई है कि योगी सरकार की स्वास्थ्य विभाग से संबंधित योजनाऐं गरीबों तक नही पहुँच पा रही है. योजनाओं का लाभ सरकारी अस्पताल के कर्मचारी और अधिकारी ही खा रहे है या ये कहे की योगी सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहा है स्वास्थ्य विभाग .

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