एक स्थानीय कोर्ट ने फिरौती के लिए एक प्रापर्टी डीलर को किडनैप करने के एक दस साल पुराने मामले में दोषी करार दी गयी एक बर्खास्त महिला कांस्टेबल सहित कुल आठ अभियुक्तों को सोमवार को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
- इन अभियुक्तों में बर्खास्त महिला सिपाही रीता पांडेय के अलावा मोनू पांडेय,
- धुरंधर, जंगबहादुर यादव उर्फ जंगी, रामसकल यादव उर्फ शंकर,
- मो. रईस, सलीम अहमद उर्फ गुड्डू व विभूति नारायण सिंह के नाम शामिल हैं।
- आदेश सुनाते हुए विशेष जज डा. लक्ष्मीकांत राठौर ने इन सभी मुल्जिमों पर 40-40 हजार का जुर्माना भी ठोंका है।
यह है पूरा मामला
- अभियेाजन के अनुसार 2007 में मुल्जिमों ने फिरौती के लिए गोमतीनगर इलाके से प्रापर्टी डीलर लोकनाथ सिंह का अपहरण किया था।
- विवेचना में यह भी मालुम हुआ कि लोकनाथ की हत्या कर उनकी लाश सई नदी में फेंक दी गई थी।
- लेकिन पुलिस अपहृत की लाश बरामद नहीं कर सकी।
- 12 जनवरी, 2007 को लोकनाथ के अपहरण व हत्या की एफआईआर उनके भतीजे संजय सिह ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई थी।
- सरकारी वकील ज्वाला प्रसाद शर्मा व वादी के विशेष वकील रोहित कांत श्रीवास्तव की दलील थी कि अभियुक्तों के खिलाफ सजा के लिए पर्याप्त गवाही व सबूत रिकार्ड पर है।
- कहा गया कि अपहरण के बाद संजय से मोबाइल पर दूसरी दफे फिरौती की मांग की गई।
- तब संजय ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने संजय के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया।
- संजय 25 लाख की रकम लेकर कठौता झील के पास पहुंचा।
- वहां पुलिस ने मुख्य अपहरणकर्ता निसार अहमद को मुठभेड़ में मार गिराया।
- जबकि उसके पास से बरामद चीजों के आधार पर अन्य मुल्जिमों को गिरफ्तार कर इस वारदात का खुलासा किया।
- विवेचना में यह भी मालूम हुआ कि रीता पांडेय पिछले एक माह से लोकनाथ सिंह के पड़ोस में किराए के मकान में रह रही थी।