प्रयागराज में प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति को चार दिन बाकी लेकिन दी जाने वाली सुविधाएं अंतर्धान।
प्रयागराज में माघ मेले का प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति को अब सिर्फ चार दिन शेष रह गया है, लेकिन संगम तट पर कल्पवासियों को दी जाने वाली सुविधाएं अंतर्धान है।
मेले की तैयारी अभी बहुत बाकी हैं।
अभी तक सड़कों पर चकर प्लेट तक नहीं बिछाई गई है। पानी का कनेक्शन तक नहीं किया गया है।
इस बार मेले की तैयारी आरैल क्षेत्र में बहुत ही पीछे हैं।
मध्य प्रदेश और बिहार के अधिकांश व मीरजापुर के कल्पवासी अरैल संगम तट पर ही माह भर कल्पवास करते हैं।
उन्हें बिजली पानी और सड़क की व्यवस्था मेला प्रशासन की ओर से कराया जाता रहा है।
इस बार मेले की तैयारी अरैल क्षेत्र में काफी पीछे है। सड़कों की कटान तो कर दी गई हैं, लेकिन उस पर बालू की वजह से चलना बहुत मुश्किल है।
सड़कों पर चकर प्लेट अभी तक नहीं बिछाए जाने से टेंट लगाने के लिए आने वाले काफी परेशान हो रहे हैं।
उनके वाहन बालू में धस जाते हैं, जिससे वह घंटों परेशान रहते हैं।
जल संस्थान और बिजली विभाग का टेंट माघ मेले से दो सप्ताह पहले ही यहां लग गया है।
काम के नाम पर बिजली के पोल तो खींच दिए गए हैं और तार भी लगा दिए गए हैं, लेकिन तट पर प्रकाश की व्यवस्था नहीं की गई है।
यही हाल जल संस्थान का भी है।
नल लगाए जाने के स्थान तक चिन्हित नहीं किए गए हैं।
पाइप बस ऐसे ही पड़े हुए हैं। घाट के समतलीकरण का काम अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है।
सिर्फ दो ट्रेक्टरों को ही इस काम में लगाया गया है।
आधी-अधूरी तैयारी से कल्पवासियों की होगी दुर्दशा।
स्नान पर्व का समय नजदीक आने के बावजूद आधी-अधूरी तैयारी से कल्पवासियों कि दुर्दशा होनी तय है।
अरैल तटबंध मार्ग पर लगी अधिकतर स्ट्रीट लाइट खराब है, जिससे शाम होते ही इस मार्ग पर गुप्त अंधकार छा जाता है।
अधिकांश श्रद्धालु इसी मार्ग से मेले में प्रवेश करते हैं। ऐसे में उन्हें असुविधा तो हो ही रही है, साथ ही क्षेत्र में अराजकतत्वों से भी उन्हें खतरा सताता है।